राजमिस्त्री बाबूलाल की हत्या मामले में उगन को आजीवन कारावास
अपर जिला एवं सत्र न्यायालय तृतीय के न्यायाधीश बेद प्रकाश मोदी की न्यायालय में पंडौल थाना क्षेत्र में करीब आठ वर्ष पूर्व राजमिस्त्री बाबूलाल चौपाल की हुई हत्या मामले की सजा के बिंदु पर बुधवार को सुनवाई हुई.
मधुबनी. अपर जिला एवं सत्र न्यायालय तृतीय के न्यायाधीश बेद प्रकाश मोदी की न्यायालय में पंडौल थाना क्षेत्र में करीब आठ वर्ष पूर्व राजमिस्त्री बाबूलाल चौपाल की हुई हत्या मामले की सजा के बिंदु पर बुधवार को सुनवाई हुई. न्यायालय ने अभियोजन पक्ष एवं बचाव पक्ष की दलील सुनने के बाद दोषी आरोपी सकरी थाना क्षेत्र के भवानीपुर निवासी उगन दास को दफा 302 भादवि में आजीवन सश्रम कारावास कि सजा सुनायी है. साथ ही न्यायालय ने आरोपी पर 10 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है. जुर्माने की राशि नहीं देने पर छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. वहीं न्यायालय ने आरोपी पर साक्ष्य मिटाने के दफा 201 भादवि में भी पांच वर्ष सश्रम कारावास व पांच हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है. सभी सजाएं साथ साथ चलेगी. न्यायालय में सरकार की ओर से बहस करते हुए अपर लोक अभियोजक संजय कुमार ने आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की थी. वहीं बचाव पक्ष से अधिवक्ता सूर्यनाथ मिश्रा ने बहस करते हुए न्यायालय से कम से कम सजा देने की मांग की थी. क्या है मामला अपर लोक अभियोजक के अनुसार सूचक पंडौल थाना क्षेत्र के शुभंकरपुर निवासी होरिल चौपाल के पिता बाबूलाल चौपाल 23 जनवरी 2017 को राजमिस्त्री का काम करने अपने रिश्ते के एक अन्य मिस्त्री लाल बाबू चौपाल के साथ धौंस बाजार गया था. करीब 9 बजे रात में लालबाबू चौपाल आया और कहा कि बाबूलाल चौपाल आरोपी उगन दास के साथ कहीं गया है. करीब एक घंटे के बाद आरोपी आया और कहा कि बाबूलाल चौपाल किसी के साथ चला गया है. घर नहीं आने पर परिजन ने खोजबीन करने लगे. 24 जनवरी 2017 को सूचना मिली कि धौंस बाजार के पास एक शव है. सूचना मिलने पर जब सूचक वहां पहुंचा तो अपने पिता का गला रेता शव देखा. मामले को लेकर सूचक होरिल चौपाल ने कार्य के ठेकेदारी के द्वेष को लेकर गला रेतकर हत्या करने का आरोप लगाते हुए पंडौल थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी थी.
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