मधुबनी. खजौली थाना क्षेत्र में करीब छह वर्ष पूर्व राजेंद्र साह की हुई हत्या मामले की प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश एसएमएफ बारी की न्यायालय में बुधवार को सजा के बिंदु पर सुनवाई हुई. न्यायालय ने दोनों पक्ष की दलील सुनने के बाद दोषी खजौली थाना क्षेत्र के बेंता निवासी अशोक कुमार झा उर्फ महराज झा को दफा 302 भादवि में आजीवन सश्रम कारावास की सजा सुनायी है. साथ ही न्यायालय ने बीस हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है. जुर्माने की राशि नहीं देने पर छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. वहीं न्यायालय ने अन्य दफा 201 भादवि में भी सात वर्ष कारावास की सजा व सात हजार रुपये जुर्माना लगाया है. सभी सजाएं साथ साथ चलेगी. न्यायालय में सरकार की ओर बहस करते हुए अपर लोक अभियोजक ने कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की थी. वहीं बचाव पक्ष से अधिवक्ता रमानंद झा ने बहस करते हुए कम से कम सजा देने की मांग की थी.
क्या है मामला
अपर लोक अभियोजक के अनुसार घटना 6 जुलाई 2018 की है. सूचक के पिता राजेन्द्र साह नौ बजे रात में फरीदाबाद हरियाणा से आये अपने भाई गणेश साह से आंगन में आकर बातचीत किया था. उसके बाद दरवाजे पर जाकर गाय को चारा दिया. करीब दस बजे जब उन्हें खाना खाने के लिए खोजा गया तो वह नहीं मिला. सूचक अपने परिजन व अन्य ग्रामीण के साथ खोजबीन करने लगा. खोजबीन के दौरान गांव के ही नहर किनारे सूचक के पिता का शव मिला. उनके गले में तार लिपटा था. मामले को लेकर मृतक के पुत्र सत्यम कुमार ने खजौली थाना में अज्ञात के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी थी. पुलिस अनुसंधान के दौरान घटना में आरोपी की संलिप्तता पायी गई थी. जिसे बाद में मुकदमा में आरोपी बनाया गया था.
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