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रुद्रनारायण सिंह हत्या मामले में दो को आजीवन कारावास

न्यायालय ने दोनों पक्षों के दलील सुनने के बाद दोषी आरोपी झंझारपुर थाना क्षेत्र के नवानी निवासी पंकज कुमार सिंह व रौशन कुमार सिंह को दफा 302 भादवि में आजीवन सश्रम कारावास की सजा सुनायी

मधुबनी. अररिया संग्राम थाना क्षेत्र में करीब 6 वर्ष पूर्व मछली मारने के विवाद पर हुई रुद्र नारायण सिंह की हत्या के मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय वेद प्रकाश मोदी के न्यायालय में सजा की बिंदु पर मंगलवार को सुनवाई हुई. न्यायालय ने दोनों पक्षों के दलील सुनने के बाद दोषी आरोपी झंझारपुर थाना क्षेत्र के नवानी निवासी पंकज कुमार सिंह व रौशन कुमार सिंह को दफा 302 भादवि में आजीवन सश्रम कारावास की सजा सुनायी. साथ ही न्यायालय ने दोनों आरोपी पर बीस- बीस हजार रुपये जुर्माना भी लगाया. जुर्माने की राशि नही देने पर आरोपी का छह- छह माह अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. न्यायालय में सरकार की ओर से बहस करते हुए अपर लोक अभियोजक मिथिलेश कुमार झा ने न्यायालय से कड़ी से कड़ी सजा की मांग की थी. वहीं, बचाव पक्ष से अधिवक्ता संजय कुमार उर्फ छोटू ने बहस करते हुए कम से सजा कि मांग की थी. क्या है मामला : अपर लोक अभियोजक के अनुसार 23 दिसंबर 2018 को सूचक के पिता रुद्र नारायण सिंह अपने दरवाजे पर बैठा था. इसी दौरान दोनों आरोपी हरवे हथियार से लाइस होकर आया और रुद्र पर नारायण सिंह से बोला कि मेरे गढ़े में मछली क्यों मरवा रहे हो. इसी पर रुद्र नारायण सिंह कहा था कि सब दिन से मछली मरवा रहा हूं इसीलिए मछली मरवा रहा हूं. इसी पर दोनों पक्ष में विवाद हो गया. इसी पर सभी आरोपी रुद्र नारायण सिंह को दरवाजे पर से सड़क पर लाकर टेंगारी और फरसा से मारपीट किया. जिससे वह गंभीर रूप से जख्मी हो गया .परिजनों ने जख्मी हालत में उसे झंझारपुर अस्पताल में पहले भर्ती कराया. जहां गंभीर हालत को देखते हुए उसे डीएमसीएच दरभंगा रेफर कर दिया. लेकिन रविवार रहने के कारण डॉक्टर के अभाव में उसे प्राववेट अस्पताल में भर्ती कराया गया़ लेकिन वहां फिर वहां से आर्मी मेमोरियल में भर्ती कराया गया. वहां से पटना रेफर कर दिया गया. जहां इलाज के दौरान प्राइवेट अस्पताल में पांच दिन बाद रुद्रनारायण सिंह की मौत हो गई थी. मामले में मृतक के पुत्र बालाजी ने अररिया संग्राम में प्राथमिक दर्ज कराई थी. सजा सुनते ही फफक फफक कर रोने लगे परिजन न्यायालय में सजा की सुनवाई की तारीख के कारण दोनों आरोपी के परिजन भी आये थे. न्यायालय में सुनवाई के बाद सजा का ऐलान होते ही बरामदा पर खड़े परिजन फफक फफक कर रोने लगे. सुनवाई के दौरान सजा सुनने के लिए लगी भीड़ ने आरोपी के परिजनों को ढांढ़स बंधाया.

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