Madhubani News. दबे पैरों से उजाला आ रहा है, फिर कथाओं को खंगाला जा रहा है…
ज्योत्स्ना मंडल द्वारा कवि सम्मेलन का आयोजन सोमवार की देर रात तक किया गया. जिसमें देश के प्रसिद्ध एवं चर्चित कवियों ने अपनी-अपनी रचना से उपस्थित श्रोताओं को भाव-विभोर कर दिया.
Madhubani News. जयनगर . ज्योत्स्ना मंडल द्वारा कवि सम्मेलन का आयोजन सोमवार की देर रात तक किया गया. जिसमें देश के प्रसिद्ध एवं चर्चित कवियों ने अपनी-अपनी रचना से उपस्थित श्रोताओं को भाव-विभोर कर दिया. अपनी कविता से मौजूदा हालात पर सोचने के लिए भी मजबूर कर दिया. देर रात तक गीतों, कविताओं के सुनने-सुनाने का दौर चलता रहा और यूं ही श्रोता खुशी से झूमते रहे. ज्योत्स्ना मंडल के अध्यक्ष प्रो. शिवकुमार झा ने प्रसिद्ध गीतकार यश मालवीय व डॉ. अमरकांत कुमर सहित राज्य के अन्य जिलों से पधारे हिंदी, मैथिली के कवियों का संस्था की ओर से स्वागत किया. आर्य कुमार पुस्तकालय के सचिव नारायण यादव ने उन्हें पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित किया. कवि गोष्ठी में गीतकार यश मालवीय के कविता “दबे पैरों से उजाला आ रहा है, फिर कथाओं को खंगाला जा रहा है ” , को दर्शकों ने खूब सराहा. यश मालवीय ने कई और भी नवगीत सुनाकर श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया. वही गीत गजल को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध गीतकार डॉ. अमरकांत कुमर ने अपना लोक चर्चित गीत “मन महकने लगा, तन गमकने लगा, कर दिया कोई जादू तेरे नाम ने……… तू जरूर आ गई है मेरे सामने ” सुनाकर श्रोताओं को ताली बजाने के लिए बाध्य कर दिया. ऐसे ही अन्य कवियों में योगानंद झा ने मैथिली में रचनाएं सुनाई. नामचीन गजल गो सदरे आलम गौहर ने गजल, नारायण यादव, चंद्रेश, शंभु कुमार वर्णमाल मधुबनी, महेंद्र कुमार, दया मिश्र, श्री कल्प कवि, धर्मेंद्र बौआ जी, रविंद्र, राजीव रंजन, नंदकिशोर साहु, रामेश्वर मंडल, नंद विलास राय, दुर्गा मंडल सहित दर्जन भर अन्य कवियों ने विविध भाषाओं में कविताएं देर रात तक सुनाई. बता दें कि राष्ट्रकवि दिनकर व महावीर प्रसाद मसकरा द्वारा स्थापित ज्योत्स्ना मंडल में वर्षों से पूर्णिमा के अवसर पर कवि सम्मेलन का आयोजन होता रहा है. यह भी उसी की एक शृंखला थी.
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