जिले के हर नवजात का तैयार होगा लाइव डिजिटल हेल्थ रिकॉर्ड

मुख्यमंत्री डिजिटल हेल्थ योजना के तहत जिले में अब हर नवजात बच्चे का लाइव डिजिटल हेल्थ रिकॉर्ड तैयार किया जायेगा.

By Prabhat Khabar News Desk | June 23, 2024 11:19 PM

मधुबनी. मुख्यमंत्री डिजिटल हेल्थ योजना के तहत जिले में अब हर नवजात बच्चे का लाइव डिजिटल हेल्थ रिकॉर्ड तैयार किया जायेगा. इसके लिए गांव-गांव में स्वास्थ्य क्षेत्र में काम करने वाली जिले की लगभग 4 हजार आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा. आशा कार्यकर्ताओं को एम एप की ट्रेनिंग दी जाएगी. इस एप के माध्यम से आशा कार्यकर्ता नवजात से लेकर गर्भवती महिलाओं की जांच से संबंधित सभी तरह की रिपोर्ट ऑनलाइन दर्ज करेगी. इससे आशा की रिपोर्टिंग में सुधार होगा. प्रशिक्षण को लेकर कार्यपालक निदेशक सुहर्ष भगत ने सिविल सर्जन डॉ. नरेश कुमार भीमसारिया को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किया है. एक से 6 जुलाई तक दिया जाएगा प्रशिक्षण राज्य स्वास्थ्य समिति के निर्देशानुसार जिले में एक से 6 जुलाई तक प्रशिक्षण दिया जाएगा. प्रथम चरण में आशा फैसिलीटेटर को प्रशिक्षित किया जाएगा. इसके बाद आशा फैसिलिटेटर अपने-अपने क्षेत्र की आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करेगी. इसका अनुश्रवण जिला एवं प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक द्वारा किया जाएगा. आशा को गृह भ्रमण के दौरान भरना होगा होम विजिट फॉर्म ग्रामीण क्षेत्र में आशा को घर-घर जाकर गर्भवती महिलाओं के साथ नवजात शिशुओं की देखभाल करनी होगी. साथ ही गृह-भ्रमण के दौरान होम विजिट फॉर्म को भरना है. इस फार्म में आशा द्वारा नवजात शिशु का जन्म से लेकर 28 दिनों तक देखभाल किया जाना है. शिशु की देखभाल के दौरान आशा को बच्चों की जन्म तिथि, गर्भधारण की पूरी अवधि, क्या बच्चा समय से पहले जन्म लिया है, क्या बच्चे के जन्म के समय मां को सुबह, दोपहर, शाम रात में कोई परेशानी हुई थी अगर परेशानी हुई थी तो उसको रेफर किया गया, जन्म के बाद बच्चे को सबसे पहले क्या पिलाया गया, स्तनपान कैसे किया गया. शरीर का तापमान कितना है, नवजात की आंखें सामान्य है या सूजी हुई है क्या मवाद निकलता है, क्या शिशु के नाल से रक्तस्राव हो रहा है, बच्चे का अंग सुस्त है जैसी दर्जनों सूचना आशा को दर्ज करनी होगी. प्रशिक्षण के बाद आशा को एम आशा एप पर सभी सूचनाओं को दर्ज करना होगा. इससे हर बच्चे का हेल्थ रिकॉर्ड राज्य स्तर पर तैयार होगा. इसके आधार पर सरकार को भावी योजनाएं तैयार करने और डाटा का विश्लेषण करने का का मौका मिलेगा.

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