दर्शनार्थियों के लिए आज खुलेगा मां दुर्गा का पट, बेलन्योती की रस्म हुई पूरी
चैती नवरात्र के छठे दिन रविवार को सदियों से चली आ रही परंपरा के अनुसार वैदिक मंत्रोच्चार के साथ बेलन्योती की रस्म पूरी की गयी.
मधुबनी. चैती नवरात्र के छठे दिन रविवार को सदियों से चली आ रही परंपरा के अनुसार वैदिक मंत्रोच्चार के साथ बेलन्योती की रस्म पूरी की गयी. मंदिर व पूजा पंडालों से गाजे-बाजे के साथ डोली लेकर सैकड़ों की संख्या में लोग जुलूस की शक्ल में निकट के बेल वृक्ष के पास पहुंचे. फिर पंडित ने वैदिक मंत्रों का उच्चारण कर बेन्योती की रस्म पूरी करायी. इसी निमंत्रित बेल के लस्से से देवी दुर्गा की आंखों में ज्योति प्रदान कर उनकी प्रतिमा में अर्पित की जाएगी. देवी दुर्गा सहित अन्य देवी देवताओं की प्रतिमा में प्राण-प्रतिष्ठा अर्पित करने के बाद आमलोगों के लिए मां का पट खोल दिया जाएगा. ताकि लोग मां दुर्गा का दर्शन व पूजा-अर्चना कर सकें. जिला मुख्यालय सहित ग्रामीण क्षेत्र के दुर्गा मंदिरों व पूजा पंडालों में देवी दुर्गा की छठे स्वरूप की पूजा-अर्चना की गयी. देवी दुर्गा की जयकारे व वैदिक मंत्रोच्चार से जिले का माहौल भक्तिमय हो गया है. पौराणिक ग्रंथों व धर्मशास्त्रों में कहा गया है कि देवी कात्यायनी की निष्ठापूर्वक की गयी आराधना कभी निष्फल नहीं जाता है. उनकी अभयदानी मुद्रा भक्तों का सदा कल्याण करती है. इसी भावना से हजारों की संख्या में श्रद्धालु सुबह होते ही हाथों में फूल, फल, अक्षत, तिल, जौ, धूप, दीप, नैवेद्य से सजी डालियां लिये दुर्गा मंदिरों व पूजा पंडालों की ओर रुख करते दिखे. चैती नवरात्र में शहर के गंगासागर परिसर स्थित देवी मंदिर, जगतपुर स्थित चैती दुर्गा मंदिर, चकदह स्थित देवी मंदिर, रहिका दुर्गापुर स्थित मां दुर्गा की पूजा-अर्चना की जा रही है. जहां सुबह से ही श्रद्धालु नर-नारियों का हुजूम उमड़ रही है. लोग देवी दुर्गा मंदिरों व पूजा पंडालों में पंडित दुर्गा सप्तशती का पाठ कर पुण्य के भागी बन रहे हैं. वहीं शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों के पूजा पंडालों व देवी दुर्गा सहित अन्य देवी देवताओं की प्रतिमाओं को अंतिम रूप देने का काम पूरा कर लिया गया है. मूर्तिकार देवी दुर्गा सहित अन्य देवी-देवताओं की प्रतिमा को आकर्षक रूप देने में दिन-रात जुटे हुए हैं.