मधुबनी में फर्जी प्रमाणपत्र बनाने के रैकेट का खुलासा, आधार कार्ड सहित कई नकली कागजात बरामद
मधुबनी में फर्जी प्रमाणपत्र व आधार कार्ड बनाने वाले गिरोह का पुलिस ने खुलासा किया है. दुकान से भारी मात्रा में फर्जी आधार कार्ड, विभिन्न शिक्षण संस्थानों के फर्जी प्रमाणपत्र सहित कई कागजात बरामद किये गये हैं. पुलिस ने दो लोगों को हिरासत में लिया है.
मधुबनी नगर थाना क्षेत्र के बाटा चौक पर फर्जी प्रमाणपत्र व आधार कार्ड बनाने वाले गिरोह का पुलिस ने खुलासा किया है. दुकान से भारी मात्रा में फर्जी आधार कार्ड, विभिन्न शिक्षण संस्थानों के फर्जी प्रमाणपत्र सहित कई कागजात बरामद किये गये हैं. पुलिस ने दो लोगों को हिरासत में लिया है.
अमित कुमार के नेतृत्व में छापेमारी
जानकारी के अनुसार गुप्त सूचना पर बाटा चौक के समीप फलक मोबाइल दुकान में सदर एसडीओ अश्विनी कुमार व नगर थानाध्यक्ष सह पुलिस निरीक्षक अमित कुमार के नेतृत्व में छापेमारी की गयी.
फर्जी प्रमाणपत्र बरामद
इस दौरान दर्जनों फर्जी प्रमाणपत्र, आधार कार्ड, पैन कार्ड व वोटर आइडी सहित अन्य फर्जी प्रमाणपत्र बरामद हुए. दुकान से अजहर हुसैन (24) पिहवारा साहरघाट व असगर अली (22) चंद्रसेनपुर, हुसैनपुर रहिका को हिरासत में लिया गया. रहिका सीओ रामप्रवेश प्रसाद ने दुकान को सील कर दिया.
कोविड डेथ प्रमाणपत्र सहित कई प्रमाणपत्र मिले
छापेमारी में दुकान से बरामद फर्जी प्रमाणपत्र देखने के बाद प्रशासन हैरत में है. दुकान से कोरोना का मृत्यु प्रमाणपत्र तक मिला है. ऐसे में फर्जी प्रमाणपत्र के आधार पर कोरोना से मृत व्यक्ति को सरकारी लाभ दिये जाने से इनकार नहीं किया जा सकता. पुलिस हर पहलू पर जांच करेगी. सदर एसडीओ ने बताया कि फलक मोबाइल में मिथिला विवि के फर्जी प्रमाणपत्र सहित कई अन्य प्रमाणपत्र मिले हैं. नकली सॉफ्टवेयर पर सारे प्रमाणपत्रों का निर्माण कराया जा रहा था.
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साइबर सेल से मामले की जांच की अनुशंसा
इस मामले को स्टेट लेवल पर साइबर सेल से जांच की अनुशंसा की जाएगी. पुलिस ने दुकान से दो प्रिंटर, दो लैपटॉप, की-बोर्ड सहित दर्जनों फर्जी वोटर कार्ड आदि बरामद किया है. मौके पर नगर थाने के महिला व पुरुष सशस्त्र बल मौजूद थे. बता दें कि एक दिन पहले ही फर्जी आधार कार्ड पर मोबाइल सिम बेचे जाने के आरोप में भी कई लोगों पर प्राथमिकी दर्ज हो चुकी है.
सालों से चल रही है दुकान
स्थानीय लोगों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया है कि बाटा चौक के समीप यह दुकान कई साल से संचालित है. लोगों को यह नहीं पता था कि इसमें फर्जी कागजात बनाये जाते हैं. लोगों को लगता था कि मोबाइल दुकान है. अन्य दुकान की तरह ही यहां पर कारोबार हो रहा है. मंगलवार को सुबह यहां पर छापेमारी की गयी, तो लोग हैरान रह गये.