Bihar News: बिहार के मधुबनी जिले के पुलिस अधीक्षक योगेंद्र कुमार ने हाल ही में एक बड़ी कार्रवाई की है, जिसमें बेनीपट्टी थाना के प्रशिक्षु DSP गौरव गुप्ता को थाने से हटा दिया गया है. इसके साथ ही एक ASI, एक हवलदार, एक सिपाही और दो चौकीदारों को भी निलंबित कर दिया गया. इस कदम से पुलिस महकमे में हलचल मच गई है.
क्या था मामला?
30 जनवरी को कटैया गांव के निवासी मो. फिरोज ने आरोप लगाया था कि बेनीपट्टी थाना के पुलिसकर्मियों ने वाहन चेकिंग के दौरान उसे मारपीट कर घायल कर दिया. फिरोज ने 1 फरवरी को SP कार्यालय में आवेदन दिया, जिसमें उसने पूरी घटना की जानकारी दी. SP ने इस गंभीर मामले को संज्ञान में लेते हुए पुलिस उपाधीक्षक (मुख्यालय) से जांच कराई और सीसीटीवी फुटेज का भी विश्लेषण किया.
जांच में दोषी पाए गए पुलिसकर्मी
जांच के बाद एएसआई मुकेश कुमार, हवलदार रंजीत कुमार, सिपाही विक्रम कुमार, चौकीदार सुरेश पासवान और सुरदीप मंडल को दोषी पाया गया. इसके बाद, एसपी योगेंद्र कुमार ने इन्हें तत्काल निलंबित कर दिया और पुलिस लाइन (मधुबनी) में योगदान देने का आदेश दिया. वहीं, प्रशिक्षु डीएसपी गौरव गुप्ता को मधुबनी पुलिस कार्यालय में योगदान देने का निर्देश दिया गया.
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मोहम्मद फिरोज का बयान
मोहम्मद फिरोज ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उसे इतनी बेरहमी से मारा कि वह दो दिन से सो भी नहीं पाया है. उसने अपनी स्थिति को लेकर गहरी चिंता जताई और यहां तक कि आत्महत्या करने की सोच भी आई, लेकिन उसके परिवार ने उसे ऐसा करने से रोका.