Madhubani News कोजगरा के दिन मनेगा राष्ट्रीय मखाना दिवस
मिथिला वासियों के लिये खुशखबरी है. अब कोजागरा के दिन को राष्ट्रीय मखाना दिवस के तौर पर मनाया जायेगा. इसकी घोषणा भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान आईसीएआर ने की है.
मधुबनी: मिथिला वासियों के लिये खुशखबरी है. अब कोजागरा के दिन को राष्ट्रीय मखाना दिवस के तौर पर मनाया जायेगा. इसकी घोषणा भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान आईसीएआर ने की है. घोषणा के अनुसार आश्विन शुक्ल पूर्णिमा (कोजागरा) के दिन प्रतिवर्ष राष्ट्रीय मखाना दिवस मनाया जायेगा. इससे मिथिलांचल में मखाना उद्योग से जुड़े हजारों किसान के चेहरे पर खुशी व्याप्त हो गयी है. मिथिलांचल के प्रमुख फलों में मखाना का अपना अलग स्थान है. इसकी उपज दरभंगा मधुबनी सुपौल पूर्णिया कटिहार में ही पूरे देश की उपज का 80 प्रतिशत होता है. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा अंतर्राष्ट्रीय मखाना दिवस की घोषणा से मखाना की खेती एवं इसके उद्योग जुड़े लोगों की पहुंच अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होगी. इंडियन कौंसिल ऑफ़ एग्रीकल्चरल रिसर्च पूरे देश में बागवानी, मत्स्य पालन और पशु विज्ञान सहित कृषि में अनुसंधान एवं शिक्षा का समन्वय मार्गदर्शन और प्रबंधन करती है. भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान प्रशासनिक नियंत्रण संस्था है. इसका निहित भारतीय परिषद की कृषि अनुसंधान जो सोसायटी पंजीकरण अधिनियम के तहत स्थापित एक स्वास्थ्य संगठन है. 1860 में इसकी स्थापना हुई थी. संस्था उत्तर बिहार के समस्तीपुर के पूसा में 1905 भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान की स्थापना हुई थी.
मखाना उद्योग की स्थापना
मखाना उत्पादन को बढ़ावा दिये जाने के दिशा में सरकार द्वारा लगातार पहल किया जा रहा है. इसके तहत पूर्व में ही मखाना को जियो टैग मिल चुका है. साथ ही दरभंगा में राष्ट्रीय मखाना अनुसंधान केंद्र है. यहां वैज्ञानिकों द्वारा मखाना उद्योग को बढ़ाने के लिए शोध कार्य किया जाता है. इसके विकास को लेकर एक कमिटी गठित की गई है. कमिटी केंद्र का निरीक्षण कर शोध कार्य समेत अन्य गतिविधियों का अध्ययन करेगी. फिर समीक्षा के बाद इसके विकास के लिए अपने सुझाव देगी इसकी रिपोर्ट के आधार पर केंद्र में अत्याधुनिक मशीन लगाई जाएगी. मशीनों के माध्यम से मखाना के गुणवत्ता समिति अन्य पहलुओं पर शोध समेत इसके संरक्षण की दिशा में नए आयाम स्थापित किए जाएंगे. दरभंगा में स्थापित मखाना अनुसंधान केंद्र को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा राष्ट्रीय दर्जा दी गई है .नये शोध कार्य के लिये खुलेंगे राह
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