Madhubani News. मधुबनी. दीपावली व महापर्व छठ के निकट आते ही लोग तैयारी में जुट गये है. पर्व की तैयारी शुरू होते ही शहर सहित जिले के ग्रामीण क्षेत्र की बाजारों में मिट्टी से बने बर्तनों की मांग बढ़ गयी है. शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र के बाजारों में जगह- जगह मिट्टी से बर्तनों की दुकान सज गयी है. वहीं कुंभकार मिट्टी का बर्तन बनाने के काम में दिन-रात जुटे हुए हैं. लोक आस्था के महापर्व छठ में मिट्टी से बने घड़े, हाथी, दीप सहित अन्य बर्तनों का उपयोग किया जाता है. ये सारे बर्तन बाद में घरेलू उपयोग में लाया जाता है. छठ पर्व में इन बर्तनों की मांग बढ़ने के कारण इसकी कीमतों में उछाल आ जाता है, अबकी बार पिछले वर्ष की तुलना में मिट्टी से बने बर्तनों की कीमत में महंगाई का असर स्पष्ट दिख रहा है. जिसकी मुख्य वजह है मिट्टी की कीमत में बढ़ोतरी होना है. फिर भी लोग दीपावली व छठ पर्व की रस्म पूरी करने के लिए जमकर खरीदारी करते दिख रहे हैं. कहते हैं मिट्टी के बर्तनों के विक्रेता शहर के राजू पंडित, शंकर पंडित, कन्हैया पंडित ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों से मिट्टी लाकर दीपावली व छठ पर्व में उपयोग में आने वाले बर्तन बनाते हैं. जिसके कारण मिट्टी से बने बर्तनों में लागत अधिक लगता है. इन बर्तनों की कीमत शहर की अपेक्षा ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ कम है. पिछले वर्ष की तुलना में इस साल सामानों की कीमत में थोड़ी बढ़ोतरी हुई है. मिट्टी ने निर्मित बर्तनों की कीमत में 10 से 20 रुपये का बढ़ोतरी हुई है. इस व्यवसाय से शहर के कुछ ही परिवार जुड़े हैं. मिथिला में मिट्टी के दीप का है महत्व बाजार में रंग-बिरंगे मोमबत्ती और चीनी दीप से मिट्टी के दीप का कारोबार बहुत अधिक प्रभावित नहीं हुआ है. मिथिला के विधि विधान के तहत अभी भी लोग पूजा पाठ और दीपावली के अवसर पर मिट्टी के दीप जलाना ही शुभ मानते हैं. धार्मिक मान्यता के अनुसार मिट्टी का दीपक घर में जलाने से मां लक्ष्मी का आगमन होता है. घर-परिवार में सुख समृद्धि का माहौल बना रहता है. वहीं छठ पर्व के अवसर पर मिट्टी के दिए से छठ घाट की रौनक देखते ही बनती है.
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