Madhubani News. मधुबनी. सितंबर माह में भीषण गर्मी से लोग परेशान हैं. गर्मी का आलम यह है कि तापमान का पारा 35 डिग्री सेल्सियस को पार कर 37.5 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया. जिसके कारण जनजीवन काफी प्रभावित हो रहा है. उमस भरी गर्मी के कारण सड़कों पर आवाजाही भी कम हो गयी है. इस बीच मौसम वेधशाला पूसा से मिली जानकारी के अनुसार मानसून कमजोर होने के कारण आने वाले 2- 3 दिनों में अच्छी बारिश के आसार भी नहीं है. मौसम वेधशाला पूसा के वरीय वैज्ञानिक सह नोडल पदाधिकारी डा. ए सतार के अनुसार 18 से 22 सितंबर तक आसमान में हल्के से मध्यम बादल छाया रहेगा. इस अवधि में मानसून कमजोर होने के कारण आने वाले 2- 3 दिनों में अच्छी बारिश के आसार भी नहीं है. साथ ही इस अवधि में अधिकतम तापमान 33-35 डिग्री सेल्सियस के आसपास रह सकता है. जबकि न्यूनतम तापमान 27-29 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान है. इस अवधि में 10-12 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से पुरबा हवा चलने का अनुमान है. शुक्रवार को जिले का तापमान 37 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. वहीं न्यूनतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. स्वास्थ्य संस्थानों को अलर्ट मोड में रहने का निर्देश अत्यधिक गर्मी एवं इससे उत्पन्न लू से आमजनों को स्वास्थ्य संबंधी गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. विशेषकर छोटे बच्चों, स्कूली बच्चों, बुजुर्ग, गर्भवती एवं धात्री माताओं तथा विभिन्न कार्य के लिए घर से बाहर निकलने वाले लोगों को स्वास्थ्य संबंधी काफी समस्याएं हो रही है. इस मौसम में पेयजल संकट की स्थिति भी उत्पन्न होती है. सिविल सर्जन डॉ नरेश कुमार भीमसारिया ने भीषण गर्मी से बचाव तथा इससे उत्पन्न विभिन्न प्रकार की स्वास्थ संबंधी बीमारियों के चिकित्सकीय उपचार एवं प्रबंधन के लिए सभी स्वास्थ्य संस्थानों को आवश्यक निर्देश दिया है. जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, रेफरल अस्पताल, अनुमंडलीय अस्पताल एवं सदर अस्पताल में भीषण गर्मी एवं लू से प्रभावित लोगों के अहर्निश रूप से समुचित चिकित्सीय उपचार एवं प्रबंधन के लिए विशेष कार्य योजना तैयार करने का निर्देश दिया है. सभी सरकारी अस्पतालों में एंटी डायरियल मेडिसिन, आइबी फ्लूड ओआरएस एवं इससे संबंधित अन्य आवश्यक औषधियों व मेडिकल डिवाइस एवं कंज्यूमेबल की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. गर्मी से प्रभावित व्यक्तियों का हर्ट रेट, रिस्पायरेट्री रेट, ब्लड प्रेशर, रेक्टल टेंपरेचर एवं मेंटल स्टेटस का लगातार निगरानी करने का निर्देश दिया है. गंभीर मरीजों का कंपलीट ब्लड काउंट, इलेक्ट्रोलाइ, ईसीजी, अदर मेटाबॉलिक एब्नार्मेलिटीज, लिवर फंक्शन टेस्ट एवं किडनी फंक्शन टेस्ट कराने की व्यवस्था सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया है. सभी सरकारी अस्पतालों में भीषण गर्मी के चिकित्सकीय प्रबंधन के लिए डेडीकेटेड वार्ड में समुचित संख्या में बेड की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है. डेडीकेटेड वार्ड में 24 घंटे चिकित्सकों एवं पारा चिकित्सा कर्मियों का रोस्टर संधारित करते हुए प्रतिनियुक्ति करने का निर्देश दिया है. भीषण गर्मी के मद्देनजर सभी एंबुलेंस में एयर कंडीशन की क्रियाशीलता, ऑक्सीजन एवं आवश्यक उपकरणों की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है. साथ ही एंबुलेंस को 24 घंटे अलर्ट मोड में रखने का भी निर्देश दिया है. सदर अस्पताल एवं अनुमंडलीय अस्पताल सहित जिला के प्रभावित क्षेत्रों के निकटतम सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में रोस्टर संधारित कर अतिरिक्त चिकित्सकों एवं पारा मेडिकल स्टाफ की 24 घंटे तैनाती आवश्यक औषधियों एवं चिकित्सकीय उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. इसके अतिरिक्त जिला के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में विशेष चिकित्सकों को ऑन कॉल ड्यूटी पर 24 घंटे उपलब्ध रहने का निर्देश दिया है. ताकि आकस्मिक परिस्थिति में सूचित किए जाने पर वे शीघ्र संबंधित अस्पताल में उपस्थित होकर मरीज की देखभाल कर सकें. सिविल सर्जन डॉ नरेश कुमार भीमसारिया ने अधीक्षक सदर अस्पताल, अस्पताल प्रबंधक, उपाधीक्षक अनुमंडलीय अस्पताल, सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक को भीषण गर्मी एवं लू से बचाव के लिए अपने अपने संस्थानों में आवश्यक दवा सहित सभी प्रकार की जांच, वार्ड में पंखा कूलर एसी की व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. ताकि किसी भी विकट परिस्थिति में आम जनों को बेहतर चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराया जा सके. ओपीडी में 525 मरीजों का रजिस्ट्रेशन उमस भरी गर्मी के कारण थोड़ी सी भी चूक लोगों को परेशान कर रही है. वर्तमान में वायरल बुखार सर्वाधिक परेशानी का सबब बना हुआ है. बताया जाता है कि वायरल बुखार की चपेट में आने से कम से कम तीन दिनों तक मरीज को परेशानी होती है. इधर डॉक्टरों की माने तो अभी के समय में लोगों के बीमार होने पर बुखार के अलावा कमजोरी, सिर दर्द आदि की सर्वाधिक शिकायतें होती हैं. खासकर अभी लोग बीमार पड़ने पर काफी कमजोर हो जाते हैं. शुक्रवार को सदर अस्पताल ओपीडी में 525 मरीजों का रजिस्ट्रेशन किया गया. इसमें सबसे अधिक मेल मेडिकल ओपीडी में 185 मरीजों का इलाज किया गया. मेल मेडिकल वार्ड में तैनात चिकित्सक डा. संजीव कुमार झा ने कहा कि वर्तमान में सबसे अधिक सर्दी, खांसी, बुखार व मानसिक रोग से पीड़ित मरीज आ रहे हैं. इसके बाद गायनिक ओपीडी में डा. विद्या पाल ने 150 गर्भवती महिलाओं व गायनिक से संबंधित महिलाओं का इलाज किया. आर्थो ओपीडी में डा. फैजुल हसन ने 165 मरीजों का इलाज किया. डा. हसन ने कहा कि मौसम में बदलाव होने के कारण आर्थराइटिस सहित चोट लगने के कारण दर्द, कमर घुटनों सहित जोड़ों के दर्द के मरीज आ रहे हैं. इसके अलावा आई ओपीडी में डा. रेणु सुशील कुमार ने 40 मरीजों का इलाज किया गया. डेंटल ओपीडी में डा महारानी कुमारी ने 20 तथा चाईल्ड ओपीडी में डा विवेकानन्द पाल प्रकाश ने 50 बच्चों का इलाज किया गया.
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