मधुबनी के तकनीक से नेपाल में भी मशरुम की खेती शुरु
नेपाल के काठमांडू सहित अन्य क्षेत्र के लोग अब मधुबनी के किसान के मशरुम स्पॉन और उनके तकनीक से उपजे मशरुम का स्वाद ले सकेंगे. नेपाल में मधुबनी के सुखराम चौरसिया के तकनीक को किसान अपना रहे हैं.
मधुबनी. नेपाल के काठमांडू सहित अन्य क्षेत्र के लोग अब मधुबनी के किसान सुखराम चौरसिया के मशरुम स्पॉन और उनके तकनीक से उपजे मशरुम का स्वाद ले सकेंगे. नेपाल में सुखराम चौरसिया के तकनीक को किसान अपना रहे हैं. उनसे मशरुम उत्पादन के तकनीक सीख कर छोटे पैमाने पर मशरुम का उत्पादन शुरु कर दिया है. नेपाल देश के सप्तरी जिला अंतर्गत मौआहा गांव में कपिल देव साह ने करीब एक हजार बैग में मशरुम का स्पॉन लगाया है. इस स्पॉन से बेहतर मशरुम निकलने शुरु हो गये हैं. दूध जैसे सफेद मशरुम देख कर किसान कपिल देव साह काफी खुश नजर आ रहे. फेस बुक पर देख कर खेती करने की ठानी मौआहा गांव निवासी कपिलदेव साह बताते हैं कि फेस बुक पर सुखराम चौरसिया के मशरुम उत्पादन से संबंधित वीडियो, समाचार देखकर उन्हें भी खेती करने की सूझी. जिसके बाद उन्होंने सुखराम चौरसिया से संपर्क किया और मशरुम की खेती करने की अपनी इच्छा से अवगत कराया. फिर क्या था, सुखराम से फोन पर बताये तरीकों से ही उन्होंने अपने घरों में बांस से प्लेटफार्म तैयार किया है. घर में एसी भी लगा दिया. मधुबनी से ही मंगाया स्पॉन अब बात स्पॉन की आयी, जिसके बाद कपिलदेव साह ने सुखराम चौरसिया के ही लैब में उत्पादित बटन मशरुम के स्पॉन लिये. स्पॉन उपलब्ध हो जाने के बाद खुद सुखराम चौरसिया ने ही कपिलदेव साह को इसकी विधिवत प्रशिक्षण नेपाल स्थित उनके घर पर जाकर दिया है. अपने देख रेख में ही स्पॉन को पॉलीथिन के थैली में लगवाया और प्लेटफार्म पर किस प्रकार इसे रखा जाये,किस मात्रा में खाद व अन्य सामग्री का उपयोग किया जाये इसकी जानकारी दी. काठमांडू में है कारोबार कपिलदेव साह का काठमांडू में अपना कारोबार है. उन्हें यह उम्मीद है कि उनके उपजाये मशरुम नेपाल के काठमांडू सहित अन्य क्षेत्रों में काफी पसंद किये जायेंगे. अपने जिला से बाहर नेपाल में मशरुम उत्पादन करते देख सुखराम चौरसिया भी काफी खुश हैं.