उत्क्रमित प्लस 2 विद्यालय मलमल बना स्वच्छता व बेहतर स्कूल का नजीर
पाठ्यक्रम से जुड़ी बातें इस प्रकार दीवाल लेखन के माध्यम से बताया गया है कि कमजोड़ छात्र भी सीख जायें.
मधुबनी . गुरु ब्रह्मा गुरु विष्णु, गुरु देवो महेश्वरा गुरु साक्षात परब्रह्म, तस्मै श्री गुरुवे नमः अर्थात गुरु ही ब्रह्मा है, गुरु ही विष्णु है और गुरु ही भगवान शंकर है. गुरु ही साक्षात परब्रह्म है. सदियों से गुरुओं के आदर में कहे जाने वाले इस श्लोक को उत्क्रमित प्लस 2 विद्यालय मलमल के प्रभारी प्रधानाध्यापक धर्मेंद्र कुमार जीवंत कर रहे हैं. हाल के दिनों में कई विद्यालयों में कई शिक्षक अपने कर्म के प्रति छात्रों, अभिभावकों व शिक्षकों के बीच इतने लोकप्रिय हो रहे हैं कि उनके कामों की हर ओर सराहना होती है. सार्थक सोच के साथ काम करने का जज्बा हो तो हर मुश्किल आसान होता जाता है और लोग समाज में नयी मिशाल कायम कर देते हैं. अपने विद्यालय के शिक्षकों, आस पास के अभिभावकों का साथ मिला तो धर्मेंद्र कुमार ने विद्यालय को राज्य स्तर पर स्थापित कर दिया है. बारह साल से विद्यालय को संवारने मे लगे हैं धर्मेंद्र उत्क्रमित प्लस टू विद्यालय मलमल के प्रभारी प्रधानाध्यापक धर्मेंद्र कुमार नियोजित शिक्षक के तौर पर 2003 में योगदान दिया. इसके बाद उन्होंने 2012 में इसी विद्यालय में प्रभारी प्रधानाध्यापक के तौर पर कार्यभार संभाला. जिसके बाद से अपनी सोच व अलग करने की धुन इस प्रकार लगा कि आज इनके विद्यालय की चर्चा जिला ही नहीं राज्य भर में हो रही है. राज्य स्तर पर स्वच्छता का पुरस्कार विद्यालय को मिल चुका है तो बेहतर विद्यालय के लिये जिला स्तर पर भी तीन तीन बार पुरस्कार दिया जा चुका है. अपना वेतन भी स्कूल में लगाया धर्मेद्र बताते हैं कि जब उन्हें प्रधानाध्यापक का प्रभार दिया गया था तो छात्रो के लिये न तो वर्ग कक्ष सही था. न कुर्सी न बेंच न डेस्क. शिक्षक के लिये भी कुर्सी का अभाव था. जिसके बाद अपने वेतन खर्च से संसाधन जुटाये. हजारों रुपये अब तक खर्च हो चुके हैं. साथ ही जिला से संसाधन को सुदृढ करने के लिये भी आवंटन लाये. धीरे धीरे काम होता गया. विद्यालय का स्वरुप बदलता गया. जब विद्यालय में सब कुछ ठीक होने लगा तो छात्रों की संख्या भी बढ़ने लगी. आज एक से आठवी तक 767 छात्र- छात्राएं एवं नवमी से बारहवी तक 816 छात्र नामांकित हैं. इनमें अधिकांश छात्र नियमित रुप से वर्ग में आते हैं. एमडीएम का नियमित रुप से संचालन किया जाता है. धर्मेंद्र कुमार बताते हैं कि नियमित रुप से करीब 150 किलो चावल की खपत रोजाना हो जाता है. मेनू के अनुसार छात्रों को खाना दिया जाता है. वर्ग कक्ष बना आकर्षक उत्क्रमित प्लस टू विद्यालय मलमल की चर्चा जिला भर में यूं ही नहीं हो रही. विद्यालय के दीवाल पर छात्रों के ज्ञानबर्द्धक श्लोक, वर्ग कक्ष में पढाई, पाठ्यक्रम से जुड़ी बातें इस प्रकार दीवाल लेखन के माध्यम से बताया गया है कि कमजोड़ छात्र भी सीख जायें. यह यहां के एचएम धर्मेंद्र कुमार की सोच का परिणाम है. अपने खर्च से पूरे विद्यालय में सीसीटीवी लगा दिया गया है. स्मार्ट क्लास, लैब, बायोमैट्रिक उपस्थिति दोनों समय, ई शिक्षा कोष के माध्यम से उपस्थिति बनाना अनिवार्य है. पूरे विद्यालय में नियमित रुप से साफ सफाई के साथ साथ पौधरोपण किया गया है.
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