Madhubani News नैनो यूरिया व नैनो डीएपी किसानों के लिए वरदान: डीएम
इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोऑपरेटिव लिमिटेड (इफको) द्वारा संदीप विश्वविद्यालय के कृषि फार्म रामपट्टी राजनगर में किसान ड्रोन के माध्यम से इफको द्वारा निर्मित नैनो यूरिया व नैनो डीएपी का छिड़काव व जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया.
मधुबनी. इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोऑपरेटिव लिमिटेड (इफको) द्वारा संदीप विश्वविद्यालय के कृषि फार्म रामपट्टी राजनगर में किसान ड्रोन के माध्यम से इफको द्वारा निर्मित नैनो यूरिया व नैनो डीएपी का छिड़काव व जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डीएम अरविंद कुमार वर्मा ने कहा कि नैनो यूरिया व नैनो डीएपी का उपयोग करने से किसानों को खेतों में उर्वरक की मात्रा कम लगेगी व खेती के लागत में भी कमी आएगी. किसान बंधु नैनो यूरिया एवं नैनो डीएपी का उपयोग करें. जिससे उनके फसल व खेत में उर्वरक का प्रभाव कम पड़ेगा. जिससे पर्यावरण व मिट्टी के स्वास्थ्य को कम क्षति होगी. मानव स्वास्थ्य पर भी उर्वरक के दुष्परिणाम नहीं होंगे. उन्होंने कहा कि अगर हमारे किसान नैनो उर्वरक का उपयोग करते हैं तो इससे हमारे खेतों की उर्वरा शक्ति बनी रहेगी. किसान खेती की लागत एवं मजदूरों की समस्या से निदान पा सकते हैं. डीएम ने किसानों को निर्देश दिया कि वे परंपरागत तकनीक के साथ-साथ अपने खेतों में ड्रोन जैसे नवाचार नई तकनीक को भी समाहित करें. ताकि किसानों का काम आसान व कम लागत से खेती हो सके. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए इफको के राज्य विपणन प्रमुख एसके पालीवाल ने कहा कि किसान बंधु अपने खेतों में ड्रोन के माध्यम से नैनो यूरिया एवं नैनो डीएपी का छिड़काव करें. इससे किसानों को खेती में लागत कम लगेगी. वर्तमान में यूरिया खाद व डीएपी विदेश से आयात करना पड़ता है. जिसमें लागत बहुत आती है और नैनो डीएपी एवं नैनो यूरिया अपने देश की तकनीक के माध्यम से वैज्ञानिकों द्वारा शोध करने के पश्चात इफको कंपनी ने तैयार किया है. किसानों की सहूलियत के लिए कंपनी की तरफ से जिले के उद्यमियों को किसान ड्रोन उपलब्ध कराया गया है. जिसके माध्यम से किसान आसानी से उर्वरक के साथ अन्य कीटनाशी का उपयोग भी खेतों में कर सकते हैं. उन्होंने उपस्थित किसानों को नैनो यूरिया एवं नैनो डीएपी के बारे में विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने कहा कि नैनो यूरिया का उपयोग करने से बीज के अंकुरण में वृद्धि व जड़ क्षेत्र का उचित विकास होता है. नैनो तकनीक से निर्मित यह उर्वरक फसलों के लिए आवश्यक पोषक तत्वों की पूर्ति कर उत्पादन बढ़ाएगी. यह उर्वरक मिट्टी की उर्वरता को सुधारने के साथ पर्यावरण के अनुकूल भी है. उन्होंने कहा कि मधुबनी जिले में चार उद्यमियों को ड्रोन उपलब्ध कराया गया है. जो जयनगर, मधवापुर, झंझारपुर व बासोपट्टी प्रखंड के हैं. कार्यक्रम में उप परियोजना निदेशक (आत्मा) राकेश कुमार राहुल ने नैनो यूरिया एवं नैनो डीएपी के छिड़काव के बारे में किसानों को विस्तृत जानकारी दी. कार्यक्रम में जिला कृषि पदाधिकारी ललन कुमार चौधरी, डीडीएम नाबार्ड डॉ. प्रशांत, सहायक निदेशक ( कृषि अभियंत्रण) गौतम कुमार, सहायक निदेशक (पौधा संरक्षण) राम कुमार एवं संदीप विश्वविद्यालय से जुड़े पदाधिकारी एवं कर्मी, जिले के प्रगतिशील किसान महेश्वर ठाकुर, आशुतोष ठाकुर, राम सुंदर महतो, अवधेश मिश्रा, नंद कुमार महतो, दिनेश यादव, रामाशीष महतो, रामपट्टी पंचायत के मुखिया अरुण कुमार चौधरी सहित सैकड़ों किसान उपस्थित थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है