राष्ट्रीय डेंगू दिवस 16 मई को, आमलोगों को जागरुक करने को सीएस ने दिया निर्देश
डेंगू एक गंभीर बीमारी के तौर पर उभरा है. हर साल इस घातक बीमारी की वजह से लाखों लोगों की जान जाती है.
मधुबनी. डेंगू एक गंभीर बीमारी के तौर पर उभरा है. हर साल इस घातक बीमारी की वजह से लाखों लोगों की जान जाती है. डेंगू बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 16 मई को राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाया जाता है. इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ. नरेश कुमार भीमसारिया ने अधीक्षक, उपाधीक्षक, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारीयों, गैर सरकारी संगठनों एवं सहयोगी संस्था के साथ समन्वय स्थापित कर डेंगू की रोकथाम के प्रति जनसमुदाय को जागरूक करने का निर्देश दिया है. साथ ही राष्ट्रीय डेंगू दिवस के आयोजन से संबंधित प्रतिवेदन 3 दिनों के अंदर उपलब्ध कराने को कहा है. ताकि राज्य को प्रतिवेदन ससमय भेजा जा सके. सिविल सर्जन ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों से डेंगू का प्रभाव काफी बढ़ गया है. मानसून के आरंभ होते ही डेंगू का प्रसार बढ़ जाता है. जिसके कारण डेंगू दिवस से इसकी रोकथाम की गतिविधियों को भी तेज कर दिया जाता है. जो ट्रांसमिशन सेशन के खत्म होने तक जारी रहेगा. राष्ट्रीय डेंगू दिवस का इस वर्ष का थीम “कनेक्ट विद कम्युनिटी, कंट्रोल डेंगू ” रखा गया है. उन्होंने कहा कि डेंगू बीमारी एडीज मच्छर के काटने से होती है. इसमें मरीज के शरीर में प्लेटलेट्स तेजी से कम होने लगता है. प्लेटलेट्स बेहद कम हो जाने से मरीज की मौत भी हो जाती है. सीएस ने कहा है कि डेंगू का लार्वा 7 दिन या उससे अधिक ठहरे हुए साफ पानी में ही पनपता है. ऐसी स्थिति में लापरवाही बरतने पर डेंगू फैलने की आशंका बढ़ जाता है. डेंगू एक फ्लू जैसी बीमारी है, जो डेंगू वायरस के कारण होता है. डेंगू वायरस मच्छर दिन में काटने से फैलता है.
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