मधुबनी . 20 वर्ष से अधिक उम्र के सभी सामान्य लोगों के ब्लड सैंपल लिया जाएगा. प्रखंड स्तर पर लैब टेक्नीशियन द्वारा जांच करते हुए उसके ब्लड में शामिल माइक्रो फाइलेरिया कीटाणु की पहचान की जाएगी. नाइट ब्लड सर्वे में लोगों के ब्लड सैंपल लेते हुए उसमें शामिल माइक्रो फाइलेरिया की सही तरीके से पहचान करने के लिए जिले के चयनित प्रखंडों के साथ साथ शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के लैब टेक्नीशियन को दरभंगा मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में गुरुवार को एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया. इस दौरान सभी लैब टेक्नीशियन को माइक्रो फाइलेरिया की पहचान के लिए सही तरीके से ब्लड सैंपल की जांच करते हुए उसमें छिपे फाइलेरिया कीटाणु की पहचान करने की जानकारी दी गई.
नाइट ब्लड सर्वे में संभावित फाइलेरिया ग्रसित मरीज की पहचान होने पर उन्हें तत्काल मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. इसके लिए मरीजों को अस्पताल से आवश्यक दवाई और मलहम दिया जाता है. इसके साथ ही मरीजों को फाइलेरिया ग्रसित अंगों की साफ सफाई रखते हुए नियमित रूप से एक्सरसाइज करने की जानकारी दी जाती है. इससे फाइलेरिया को नियंत्रित रखा जा सकता है.
चलाया जाएगा सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम :
पिरामल फाउंडेशन के जिला लीड ने कहा कि नाइट ब्लड सर्वे द्वारा सभी प्रखंडों के चिह्नित क्षेत्रों में फाइलेरिया मरीज की पहचान की जाती है. नाइट ब्लड सर्वे जांच में अगर संबंधित प्रखंड में एक प्रतिशत व्यक्ति के ब्लड सैंपल में माइक्रो फाइलेरिया की पहचान होती है, तो पूरे प्रखंड के लोगों को फाइलेरिया से सुरक्षित रखने के लिए वहां सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम चलाया जाता है. प्रशिक्षण कार्यक्रम में दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डॉ. जेपी शाह, डॉ प्रियंका कुमारी, पीरामल फाउंडेशन के जिला लीड संजीव कुमार सहित चयनित लैब टेक्नीशियन शामिल थे.
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