मधुबनी. जिले को फाइलेरिया मुक्त करने के लिए सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम के तहत 10 से 27 अगस्त तक लोगों को डीइसी एवं अल्बेंडाजोल की दवा खिलाई जा रही है. कार्यक्रम को लेकर बुधवार को जेएमडीपीएल महिला कॉलेज में कॉलेज प्रशासन एवं पीसीआई के जिला समन्वयक विशाल कुमार द्वारा एनएसएस के वॉलिंटियर्स को जिले में संचालित फाइलेरिया उन्मूलन के तहत सर्जन दवा सेवन कार्यक्रम को लेकर विस्तृत जानकारी दी गई. इस दौरान छात्राओं को अपने-अपने क्षेत्र में जाकर लोगों को फाइलेरिया की दवा खाने के लिए प्रेरित करने का निर्देश दिया. पीसीआई के जिला समन्वयक विशाल कुमार ने कहा कि फाइलेरिया एक गंभीर बीमारी है. इस बीमारी की चपेट में आने वाले पीड़ित जीवन भर के लिए अपाहिज हो सकता है. इस बीमारी का पता संक्रमित होने के 5 से 15 वर्ष के बाद चलता है. तब तक यह बीमारी लोगों को अपाहिज कर देता है. साथ ही अनेक लोगों को अपनी चपेट में ले लेता है. ऐसे में लोगों को इस गंभीर बीमारी के बारे में जागरुक करना एवं इससे बचाव के लिए सरकार द्वारा अभियान चलाया जा रहा है. इस दौरान सभी छात्राओं को बताया गया कि फाइलेरिया से बचाव के लिए अधिक से अधिक जागरुकता और सहयोग आवश्यक है. छात्राओं को एमडीए के दौरान दवा का सेवन स्वयं करने के साथ ही लोगों को दवा खाने के लिए प्रेरित करना चाहिए. ताकि हम सभी फाइलेरिया से बच सकें. इस दौरान एनएसएस के 60 वॉलिंटियर्स को फाइलेरिया और सर्वजन दावा सेवन अभियान के बारे मे जानकारी दी गई. वालंटियर्स ने सहयोग करने का आश्वासन भी दिया. दवा का सेवन कराना जरूरी कॉलेज की एनएसएस प्रोग्राम ऑफिसर डॉ पूनम कुमारी ने कहा है कि फाइलेरिया बीमारी लोगों को न केवल अपाहिज बना देती है बल्कि उन्हें सामाजिक कलंक का भी सामना करना पड़ता है. ऐसे में जिले के युवाओं को जो आगे चलकर देश का भविष्य बनेंगे उन्हें फाइलेरिया जैसी गंभीर प्रवृत्ति की बीमारी से अवगत करना, इसके बचाव के उपायों की जानकारी देना व सरकार द्वारा सर्वजन दवा सेवन अभियान में भाग लेकर दवा का सेवन कराना जरूरी है. मौके पर एनएसएस प्रोग्राम ऑफिसर डॉ. पूनम कुमारी, डॉ. विनय कुमार दास, जामुनजी सहित एनएसएस वालंटियर उपस्थित थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है