Madhubani News : धीरे-धीरे घट रही नगर निगम में कर्मियों की संख्या, कामकाज हो रहा प्रभावित

सेवानिवृत्त होने के बाद बहाली नहीं होने के कारण नगर निगम में धीरे-धीरे कर्मियों की संख्या घटती जा रही है.

By Prabhat Khabar News Desk | January 28, 2025 10:24 PM

मधुबनी.

सेवानिवृत्त होने के बाद बहाली नहीं होने के कारण नगर निगम में धीरे-धीरे कर्मियों की संख्या घटती जा रही है. पहले से सृजित पद के अनुरूप कर्मचारी नहीं है. आलम यह है कि कर्मचारियों की संख्या घटकर 25 फीसदी से भी कम हो गयी है, जबकि नगर निगम का दायरा बढ़ गया है. नगर पालिका से नगर निगम बनने के बाद इसका क्षेत्र काफी बढ़ गयी है. लेकिन नये पद का सृजन अभी तक नहीं किया गया है. पहले से सृजित पद पर कार्यरत कर्मचारी अभी भी कार्य कर रहे हैं. इसलिए यह चिंता का विषय माना जा रहा है. यही हाल रहा तो आने वाले दिनों में निगम का काम कैसे चलेगा. इस पर न तो नगर विकास विभाग की नजर जा रही है और न ही निगम के अधिकारी समस्या के निदान के लिए पहल कर रहे हैं. नतीजतन कर्मियों पर वर्कलोड बढ़ता जा रहा है. इतने बड़े नगर निगम में दो यूडीसी के पद पर कर्मी कार्यरत हैं. जिसमें से एक यूडीसी कर्मी प्रमोद कुमार वर्मा 31 जनवरी को सेवानिवृत्त होंगे. ऐसे में एक ही कर्मचारी बच जाएगा. जिन पर कार्यभार और बढ़ेगा.

सृजित पद 286, 64 कर्मी कार्यरत

नगर पालिका से नगर निगम अपग्रेड होने से वार्डों की संख्या भी बढ़ी है. लेकिन कर्मचारियों की संख्या घटती जा रही है. यह विडंबना है कि मधुबनी नगर पालिका नगर निगम बन गया, वार्ड भी बढ़ गए, फिर भी कर्मचारियों के मामले में पुरानी व्यवस्था कायम है. उपलब्ध जानकारी के अनुसार, जब नगर पालिका था इसके कुल 9 वार्ड थे. उसके बाद वार्डोु की संख्या बढ़कर 24 हो गयी. उसके बाद नगर परिषद में 30 वार्ड बने. नगर निगम बनने के बाद 45 वार्ड बनाए गये. शहर की आबादी बढ़कर करीब 2 लाख के करीब पहुंच गई है. जानकारों ने बताया कि नगरपालिका के समय में सृजित पदों की संख्या 286 थी. इसमें कार्यालय पालक पदाधिकारी से लेकर सफाई कर्मी और ड्राइवर शामिल थे. आलम यह है कि नगर निगम क्षेत्र की जनसंख्या चौगुनी हो गयी, लेकिन निगम की संरचना जस की तस है, जबकि वार्ड के साथ संसाधन भी बढ़ाए गए, लेकिन कर्मियों का पद जस की तस है. वर्तमान में नगर निगम में पहले के 286 पद सृजित हैं, जो अब घटकर 64 रह गयी है. जिसमें करीब आधा दर्जन से अधिक कर्मी अनुकंपा के आधार पर बहाल हैं.

बीमार पड़ रहे हैं कर्मी

कर्मियों की कमी के कारण कार्यरत कर्मियों पर काम का बोझ बढ़ता जा रहा है. वर्कलोड अधिक होने के कारण कर्मी बीमार पड़ रहे हैं. वहीं कार्य भी समय पर पूरा नहीं होता है. काम बाधित रहती है. सरकार द्वारा लगातार निर्देश प्राप्त होने पर समय पर काम पूरा करना कर्मियों के लिए समस्या खड़ी कर रही है.

क्या कहते हैं मेयर

मेयर अरुण राय ने कहा कि निगम का दायरा बढ़ गया है. कर्मियों के कमी के कारण कई विकास योजनाओं का कार्य बाधित हो रहा है. कर्मचारी अवकाश ग्रहण करते गए, लेकिन नये कर्मचारियों की बहाली नहीं हुई है. कार्यरत कर्मचारियों से ही काम लिया जा रहा है. जिसके कारण उन पर वर्क लोड बढ़ता जा रहा है. उन्होंने सरकार से कार्य को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए शीघ्र बहाली की प्रक्रिया पूरी की जाए.

क्या कहते हैं डिप्टी मेयर

डिप्टी मेयर अमानुल्लाह खान ने कहा कि कर्मचारियों की कमी के कारण कार्य प्रभावित हो रहा है. मात्र 25 फीसदी कर्मचारी कार्यरत हैं. 75 फीसदी कर्मचारी अवकाश ग्रहण कर चुके हैं. ऐसे में कार्य प्रभावित होना लाजिमी है. कर्मियों पर काम का बोझ भी बढ़ता जा रहा है. बिहार सरकार शीघ्र रिक्त पदों पर स्थायी कर्मियों की बहाली करे.

क्या कहते हैं अधिकारी

नगर आयुक्त अनिल चौधरी ने कहा कि कर्मियों की कमी के कारण कार्यरत कर्मियों से ही काम लेना पड़ रहा है. सरकार को इस बात से अवगत कराया गया है. कुछ नियोजित कर्मी काम कर रहे हैं.

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