Madhubani News. मधुबनी. जिले में अभी तक डेंगू के 11 मरीजों के चिन्हित होने के बाद जिला स्वास्थ्य महकमा अलर्ट मोड में आ गया है. वहीं 25 ऐसे मरीजों को चिन्हित किया गया है जो मूलतः जिले के निवासी हैं. लेकिन इन मरीजों का ट्रैवल हिस्ट्री जिला में नही है. जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यालय से मिली जानकारी अनुसार 11 चिन्हित मरीजों में से 10 ग्रामीण क्षेत्रों व 1 मरीज नगर निगम क्षेत्र के नंदनगर में चिन्हित किया गया है. जबकि 1 डेंगू मरीज किशुन लाल साह का पीएमसीएच में इलाज के दौरान मौत हो गई. डीवीबीडीसीओ कार्यालय से मिली जानकारी अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों के 8 मरीजों के घर के 500 मीटर की परिधि में स्वास्थ्य विभाग एवं नगर निगम क्षेत्र के 1 मरीज के घर के 500 मीटर परिधि में नगर निगम द्वारा मालाथियान से फागिंग एवं टेमीफास लार्वीसाइडल का छिड़काव किया गया है. ग्रामीण क्षेत्रों के दो मरीजों के घर के पास 27 सितंबर को फागिंग एवं छिड़काव किया जाएगा. डेंगू के मरीजों की संख्या में हो रहे इजाफा को देखते हुए डीएम अरविंद कुमार वर्मा ने माइकिंग के जरिए लोगों को डेंगू के प्रति जागरूक करने का निर्देश दिया. उन्होंने डेंगू के एक भी मरीज मिलने पर आसपास के 500 मीटर के परिधि में मालाथियान से फागिंग एवं स्थायी जलजमाव वाले स्थानों पर एंटी लार्वा केमिकल का छिड़काव करने का निर्देश दिया गया है. उन्होंने डेंगू के मरीज मिलने पर शहरी क्षेत्र में नगर निगम एवं ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य विभाग द्वारा छिड़काव कराने का निर्देश दिया. यह अभियान ठंड के मौसम आने तक जारी रहेगा. डेंगू के 11 मरीज चिन्हित जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार जिले में 22 अगस्त को 2 मरीज, 27 अगस्त को 1, 1 सितंबर को 1, 11 सितंबर को 1, 14 सितंबर को 1, 16 सितंबर को 1, 18 सितंबर को 1,19 सितंबर को 1, 20 सितंबर को 1 तथा 23 सितंबर को 1 मरीज चिन्हित किया गया है. रैपिड रिस्पांस टीम का किया गया है गठन डॉ. डीएस सिंह ने कहा कि डेंगू, मलेरिया एवं चिकनगुनिया जैसे गंभीर रोग से निपटने के लिए जिले में रैपिड रिस्पांस टीम का गठन किया गया है. जिला स्तर से लेकर सामुदायिक स्तर पर आमलोगों में इस बीमारी के प्रति जागरूकता व इलाज की सटीक जानकारी देने के साथ आपातकालीन स्थिति से निपटने की जिम्मेदारी इस टीम को दी गयी है. डेंगू के मरीज के अस्पताल में भर्ती होने की स्थिति में मरीज के लिए सदर अस्पताल में 8 बेड, अनुमंडलीय अस्पतालों में 4-4 बेड व प्रत्येक सीएचसी एवं पीएचसी में 2-2 बेड आरक्षित किया गया है.
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