अल्ट्रासाउंड के लिए मरीज को दिया जाता है एक महीने से भी अधिक का समय

वर्ष 2020 में लाखों रुपए की लागत से सदर अस्पताल में लगा अल्ट्रासाउंड मशीन का मरीजों को समय से लाभ नहीं मिल पा रहा है. जरुरतमंदों के लिये यह एक प्रकार से शोभा की वस्तु बन कर रह गयी है.

By Prabhat Khabar News Desk | August 10, 2024 10:00 PM

मधुबनी . वर्ष 2020 में लाखों रुपए की लागत से सदर अस्पताल में लगा अल्ट्रासाउंड मशीन का मरीजों को समय से लाभ नहीं मिल पा रहा है. जरुरतमंदों के लिये यह एक प्रकार से शोभा की वस्तु बन कर रह गयी है. लोगों का इसका लाभ समय से नहीं मिल पा रहा. हालात यह है कि मरीज को अल्ट्रासाउंड का नंबर दो माह बाद आता है. ऐसे में मरीज मजबूरी में निजी जांच घर में जाकर अल्ट्रासाउंड करा रहे हैं. 4 साल बाद भी इलाज के लिए आने वाले मरीजों को अल्ट्रासाउंड के मरीजों को आज भी 1 से 2 महीने का इंतजार करने के बाद नंबर मिल पाता है. बताया जा रहा है कि

एक रेडियोलॉजिस्ट के सहारे ही सदर अस्पताल में मरीजों का अल्ट्रासाउंड सुविधा दिया जा रहा है.

जानकारी के अनुसार वर्तमान में सदर अस्पताल में एक रेडियोलॉजिस्ट डा. अमित कुमार पदस्थापित है. इसके अलावा एक गायनोलॉजिस्ट डाॅ सुमन कुमार को दो दिनों के लिए प्रतिनियुक्त किया गया है. इसके बाद भी प्रतिदिन 15-20 मरीजों का ही अल्ट्रासाउंड किया जाता है. जबकि प्रतिदिन चिकित्सकों द्वारा 100 से अधिक मरीजों को अल्ट्रासाउंड कराने की सलाह दी जाती है. इसमें सबसे अधिक संख्या गर्भवती महिलाओं की होती है. इन मरीजों अल्ट्रासाउंड के लिए एक से दो माह का समय दिया जाता है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गुरुवार को एक महिला मरीज को चिकित्सक द्वारा अल्ट्रासाउंड की सलाह दी गई. इस महिला को अल्ट्रासाउंड के अक्टूबर का समय दिया गया. ऐसे में मरीज को निजी अल्ट्रासाउंड ही विकल्प होता है.

100 से अधिक मरीज को दी जाती है अल्ट्रासाउंड की सलाह:

सदर अस्पताल के गायनिक ओपीडी में प्रतिदिन 130-140 मरीजों का रजिस्ट्रेशन किया जाता है. इसमें 40-50 गर्भवती महिलाओं को अल्ट्रासाउंड की सलाह दी जाती है. इसके अलावा मेल ओपीडी, इमरजेंसी सहित वार्ड में भर्ती मरीजों को भी अल्ट्रासाउंड की सलाह दी जाती है. सबसे अधिक परेशानी गर्भवती महिलाओं को होती है. जानकारी के अनुसार गर्भधारण से लेकर प्रसव तक तीन से चार बार अल्ट्रासाउंड अनिवार्य है. अल्ट्रासाउंड क्लिनिक से मिली जानकारी के अनुसार रेडियोलॉजिस्ट डा. अमित कुमार का रोस्टर सोमवार से गुरुवार तक निर्धारित है. वहीं सदर अस्पताल के गायनोलॉजिस्ट डॉ सुमन कुमार का शुक्रवार एवं शनिवार को रोस्टर ड्यूटी है. एक कर्मी ने कहा कि डा. अमित कुमार मंगलवार से गुरुवार तक ही ड्यूटी देते हैं.

इस संबंध में सदर अस्पताल के प्रभारी अधीक्षक डा. राजीव रंजन ने कहा कि वर्तमान समय में एक रेडियोलॉजिस्ट पदस्थापित हैं, वही गायनोलॉजिस्ट डाॅ सुमन को प्रशिक्षित किया गया है. इसके कारण मरीजों को आगे का समय दिया जाता है. रेडियोलॉजिस्ट की कमी के संबंध में विभाग को सूचित किया गया है.

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