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टोकन फंसा फेज बदल – बदल बिजली ढूंढ रहे लोग

अधिकारी फोन उठाते नहीं, कर्मी सुनते नहीं, समस्या दिन रात बढ़ती जाती है. लाइन घंटो गुल रह जाता है. यह एक दिन की परेशानी नहीं है, अमूमन रोज का हाल है.

मधुबनी. बिजली की अनियमित आपूर्ति ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है. लोगों को इससे निजात पाने का राह नही सूझ रहा. अधिकारी फोन उठाते नहीं, कर्मी सुनते नहीं, समस्या दिन रात बढ़ती जाती है. लाइन घंटो गुल रह जाता है. यह एक दिन की परेशानी नहीं है, अमूमन रोज का हाल है. कभी कोसी फीडर तो कभी इमरजेंसी फीडर तो कभी किसी अन्य फीडर में. लाईन नहीं रहने पर इनवर्टर भी काम नहीं करता. एसी कूलर शो पिस बन कर रह गया है. ऐसे में अब नाराज उपभोक्ता भी विभाग के खिलाफ मोर्चा खोल रहे हैँ. बिजली की इस लचर व्यवस्था से नाराज जदयू के व्यावसायिक प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष टिंकू कसेरा ने परिवार दायर कर दिया है. …तो बिजली विभाग की परेशानी भी बढ़ जाती है जिस दिन गर्मी अधिक रहता है उस दिन बिजली की आंख मिचौनी भी उसी रफ्तार में बढ़ जाती है. पिछले तीन दिन से शहर में बिजली की समस्या बहुत अधिक हो गयी है. उपभोक्ता को महज 15 से 17 घंटे ही बिजली मिल रही है. उपभोक्ताओं की संख्या बढ़ने के साथ ही निर्बाध बिजली को लेकर नया फीडर बनाया गया है, ताकि उपभोक्ताओं को बांटकर आसानी से उसको बिजली दी जा सके लेकिन फीडर बनने के बाद भी बिजली की समस्या जस की तस बनी हुई है. 6 फीडर से जुड़े हैं 30 हजार उपभोक्ता शहर में 6 फीडर के माध्यम से लगभग 30 हजार उपभोक्ताओं को बिजली दी जा रही है. लेकिन आए दिन शहर के सभी फीडरों में लोकल फॉल्ट के कारण घंटों बिजली बाधित रहती है. * पिछले एक सप्ताह से कोसी फीडर में सोमवार से लेकर शनिवार तक लगभग चार घंटे के हिसाव से प्रतिदिन बिजली बाधित रही. * हवाई अड्डा फीडर में भी सोमवार से शनिवार के बीच प्रतिदिन तीन से चार घंटे बिजली बाधित रही * न्यू फीडर में औसतन तीन घंटे प्रतिदिन बिजली बाधित हो रही है. * ओल्ड फीडर में भी सोमवार से शनिवार के बीच 3 से चार घंटे बिजली बाधित रही * सबसे ज्यादा मंगरौनी फीडर में बिजली की समस्या हो रही है. मंगरौनी फीडर में सोमवार से शनिवार के बीच 7 से 8 घंटे बिजली बाधित हो रही है. * सबसे कम इमरजेंसी फीडर में बिजली बाधित हो रही है. इमरजेंसी फीडर महज एक घंटे औसतन बिजली बाधित रही. 90 एम एम क्षमता वाला चाहिए बंच केबल शहर में उपभोक्ताओं के लोड के अनुसार ट्रांसफॉर्मर नहीं रहने के कारण आए दिन फ्यूज खराब होने की समस्या बहुत हो रहा है. जिस बजह से बिजली की समस्या ज्यादा हो रही है. साथ ही लोड के अनुसार बंच केबल नही होने के कारण केबल जलने की शिकायत बढ़ गया है. विभाग से मिली जानकारी के अनुसार शहर में जिस तरह से उपभोक्ताओं का लोड है उस के अनुसार बंच केबल नही लगाया गया है. अभी 30 से 40 एमएम के तार का बंच केबल लगा हुआ है. जब तक 90 एमएम से ज्यादा क्षमता का तार नही लगाया जाएगा तब तक बंच केबल जलने की शिकायत में कमी नही होगा. टोका से फेज बदलने में गुजरता है रात बिजली विभाग की लापरवाही ने लोगों को गलत काम करने पर मजबूर कर दिया है. लोग स्थायी तौर पर पोल से तार को छुड़ा कर अब टोका फंसाने में जुट गये हैं. जानकारी के अनुसार शहर के बड़ा बाजार में आज भी सैकड़ो उपभोक्ता टोका लगाकर बिजली जला रहे हैं. उपभोक्ताओं का कहना है कि जब किसी फेज का लाइन कट जाता है तो वे लोग टोका से दूसरे फेज, या तीसरे फेज में लाइन जोड़ देते हैं. यह सिलसिला दिन रात चलता है. ऐसे में पोल पर तार का जाला बन चुका है. एक उपभोक्ता को ऐसा करते देख अब सैकड़ों की संख्या में उपभोक्ता टोका फंसाने में लगे हैं. यह आने वाले दिनों में भयानक हादसे को आमंत्रित कर रहा है. उपभोक्ताओं की यह है शिकायत लहेरियागंज निवासी उपभोक्ता अखिलेश कुमार ने कहा कि दिन भर काम करने के बाद जब रात में घर जाते है तो बिजली नही रहने के कारण गर्मी से हालत खराब हो जाता है. श्री कुमार ने कहा कि बिजली की समस्या को लेकर अगर रात में बिजली विभाग किसी पदाधिकारी को फोन करेंगे तो कोई भी पदाधिकारी फोन उठाकर जानकारी नही देता है. उन्होंने कहा कि बार बार लाइन कटने के कारण स्मार्ट मीटर में ज्यादा पैसा खपत होता है. क्या कहते हैं अधिकारी इस बाबत बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता का अपना अलग तर्क है. मो.अरमान बताते हैं कि बिजली में कब क्या खरावी आ जाये ये कहना मुश्किल है. शहर में जितनी संख्या में मिस्त्री की आवश्यकता है उस हिसाब से मिस्त्री उपलब्ध नही है. शहर में उपभोक्ता के अनुसार कम से कम 40 मिस्त्री की जरुरत है. लेकिन शहर में दिन में सिर्फ 13 मिस्त्री उपलब्ध रहते हैं जबकि रात के समय मे 5 मिस्त्री ही काम करते है. मो. अरमान ने कहा कि मिस्त्री के कमी के कारण रात के समय मे फॉल्ट होने पर काम करने में समय लग जाता है. विशेष परिस्थिति में मानव बल का सहयोग भी लिया जाता है. लोड के कारण हो रहे परेशानी को दूर करने के लिए विभाग के द्वारा अतिरिक्त ट्रांसफार्मर लगाया जा रहा है.

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