तीन साल से पेयजल संकट झेल रहे लोगों को गुस्सा फूटा, सड़क जाम
बढ़ते तापमान व बारिश नहीं होने के कारण चापाकल सूखने और नल जल योजना का लाभ नहीं मिलने से जल संकट झेल रहे नगर निगम वार्ड संख्या 18 एवं 19 के सैकडों ग्रामीणों ने गुरुवार को रांटी मधुबनी मुख्य सड़क को घंटों जाम कर दिया.
तीन साल से झेल रहे हैं समस्या
बरई टोल निवासी सुखराम चौरसिया, वकील यादव, कैलाश कुमार, जितेन्द्र कुमार, माला देवी सहित दर्जनों ग्रामीणों ने कहा कि यह समस्या विगत तीन वर्षों से यहां के लोगों के लिए अभिशाप बन चुका है. भू-जल स्तर में कमी के कारण चापाकल सूख गया है. लोगों में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है. इसके कारण लोगों के सामने पेयजल समस्या विकराल रुप धारण कर लिया है. ग्रामीणों ने कहा कि यादव टोली एवं मुसहरी टोल पर नल जल योजना के तहत पाइपलाइन भी नहीं बिछाया गया है. एक ओर सरकार हर घर नल जल देने की कवायद की जा रही है, वहीं दूसरी ओर इन ग्रामीणों के लिए जलापूर्ति गंभीर समस्या बन चुका है. ग्रामीणों ने कहा कि पूर्व में चंदा इकट्ठा कर नल जल योजना के तहत जलापूर्ति की गई. लेकिन इसके बाद खराब होने के बाद इसकी सुधि लेने वाला कोई नहीं है. उन्होंने कहा कि न तो नगर निगम और न ही जिला प्रशासन द्वारा जलापूर्ति की समस्या के मद्देनजर नजर कोई ठोस कदम उठाया जा रहा है. बता दें कि इससे पूर्व वार्ड 16, 17 एवं 21 के लोगों ने बीते रविवार को रांटी पंचवटी चौक पर मुख्य सड़क को जाम कर घंटों बबाल काटा था. इसके कारण आम लोगों को इस भीषण गर्मी में आने जाने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पडा था. ग्रामीणों ने यह भी कहा कि हम लोग के साथ-साथ मवेशियों को भी पानी की काफी समस्या हो रही है. वहीं भू माफियाओं द्वारा शहर के कइ तालाबों को भरा जा रहा है. इसके कारण मवेशियों को पानी की समस्या हो रही है. ऐसे में जब मनुष्य को ही पानी नहीं मिल रहा, तो मवेशियों को पानी कहां से मिलेगा.वार्ड नंबर 16, 17, 18 ,19 एवं 21 में लोगों को नल जल का लाभ नहीं मिल रहा है. यहां नल जल योजना पूरी तरह ध्वस्त हो चुका है. जिसका खामियाजा वार्ड के लोगों को भुगतना पड़ रहा है. लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. नल जल का लाभ नहीं मिलने के बाद भी टैंकर से पानी उपलब्ध नहीं कराई जा रही है.
वार्डों में पांच-पांच सबमर्सिबल का मिला था आश्वासन
विदित हो कि 26 फरवरी को निगम बोर्ड की बैठक में तत्काल वार्डों में पांच-पांच सबमर्सिबल लगाने का निर्माण लिया गया था. लेकिन पांच माह बीतने के बाद भी न तो सबमर्सिबल लगाया गया और ना ही नल जल योजना चालू कराया गया. दिन-ब-दिन पानी का लेयर नीचे जाने के कारण पेयजल की समस्या बढ़ती गई. जिसके कारण वार्ड के लोगों को दूसरे लोगों पर पानी के लिए निर्भर होना पड़ रहा है.
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