Madhubani News. मधुबनी. अगस्त्य मुनि को जल अर्पण के साथ बुधवार से पितृपक्ष की शुरुआत हुई. लोगों ने तालाब व पवित्र नदियों में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ अगस्त्य मुनि, सप्तऋषि सहित अन्य को जल अर्पण कर अपने पितृपक्ष की शुरूआत की. वहीं आश्विन माह की परिवा तिथि अर्थात 19 सितंबर को लोग अपने पितरों को जल अर्पण की शुरुआत करेंगे. जो आगामी 15 दिनों तक चलेगा. विदित हो कि पितृपक्ष की शुरुआत भादव महीने की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को होती है. उसके अगले दिन से लोग अपने पितरों को जल अर्पण कर उन्हें तृप्त करते हैं. ऐसा विश्वास किया जाता है कि पितर तृप्त होकर उन्हें आशीष देते हैं. शास्त्रों कहा गया है कि जो व्यक्ति पहले दिन अगस्त्य मुनि को जल अर्पण नहीं करते हैं उनके पितर व पूर्वज सालभर जल के लिए भटकते रहते हैं. पितृपक्ष के दौरान तर्पण व पिंडदान करने की प्रथा सदियों से चली आ रही है. इसी परंपरा के तहत गुरुवार को लोगों ने एक पात्र व हथेली में जल, चावल, तिल व फल, कुश लेकर अगस्त्य मुनि व सप्तऋषि को जल अर्पण किया. गुरुवार से लोग इसी तरह अपने पूर्वजों को जल अर्पण कर उन्हें तृप्त करेंगे. इसके लेकर बुधवार की सुबह से तालाबों व नदियों लोगों भी भीड़ दिखी. पंडितों वैदिक मंत्रों के साथ लोगों को अगस्त्य मुनि सहित अन्य को जल अर्पण की रस्म पूरी करायी. तर्पण का यह सिलसिला अगले 15 दिनों तक चलेगा. तर्पण के समापन के बाद ही देवी पक्ष की शुरुआत होगी. लोग देवी दुर्गा 9 स्वरूप की पूजा-अर्चना करेंगे.
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