2.92 एकड़ में बनेगा औद्योगिक इकाई का प्लेटफार्म
औद्योगिक प्रांगण झंझारपुर को विकसित करने की तैयारी की जा रही है. 14.94 एकड़ में फैले एरिया में सड़क और नाला निर्माण कराया जा रहा है.
झंझारपुर. औद्योगिक प्रांगण झंझारपुर को विकसित करने की तैयारी की जा रही है. 14.94 एकड़ में फैले एरिया में सड़क और नाला निर्माण कराया जा रहा है. स्ट्रीट लाइट भी लगाया जा रहा है. प्लग एंड प्ले योजना के तहत कार्य प्रारंभ किया जाएगा. रविवार को अधिकारियों की टीम ने निरीक्षण किया. बियाडा के डीजीएम राजीव रंजन एवं आईडीए के कार्यपालक अभियंता जेबी सिंह, बियाडा के लोकल एरिया मैनेजर दीपक कुमार, बियाडा के अमीन बिनोद राय सहित अन्य लोगों ने पेपर मिल के पुराने भवन के मजबूती को परखने के लिए जेसीबी से भवन के पिलर के बगल में गड्ढे खोदकर टेस्टिंग की. बिहार सरकार औद्योगिक इकाई के इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट अथॉरिटी के कार्यपालक अभियंता जीबी सिंह ने कहा कि पुराने भवन को हर दृष्टिकोण से परखा जा रहा है. बताया गया कि 1984 के आसपास ही यह भवन बना था. इसके किस भाग को उपयोग में लाया जा सकता है. किसे पूरी तरह ध्वस्त किया सकता है, इस पर निर्णय के बाद यहां प्लग एंड प्ले योजना के तहत काम शुरू होगा. इस योजना में ऐसे प्लेटफॉर्म तैयार करना है जो लघु उद्योग और स्थानीय उद्योग करने वाले लोगों को उपलब्ध कराया जा सके. औद्योगिक विभाग किराए पर बना बनाया सुंदर मकान या उत्पादन प्लेटफॉर्म लोगों को किराए पर देगी. जिसका सेटलमेंट और आवेदन लेना निष्पादन करना, भाड़ा तय करना, एग्रीमेंट करना आदि कार्य बियाडा करेंगे. उद्योग करने आने वाले लोगों को सभी प्रकार की सुविधा मिले यह मूल उद्देश्य है. निरीक्षण के क्रम में बियाडा दरभंगा क्लस्टर के डीजीएम राजीव रंजन मौजूद थे. उन्होंने बताया कि मुजफ्फरपुर में प्लग एंड प्ले योजना के तहत औद्योगिक इकाई को डेवलप किया गया है. यहां भी इसी योजना के तहत काम किया जाएगा.
2.92 एकड़ में बनेगा प्लग एंड प्ले उद्योग इकाई
डीजीएम ने कहा कि ज़ीरो पॉल्यूशन के कारण टेक्सटाइल एवं लेदर उद्योग प्राथमिकता में है. उन्होंने जानकारी दी कि वर्तमान में 30,400 स्क्वायर फीट में पेपर मिल का पुराना भवन बना हुआ है. यह जर्जर है अथवा कारगर है, इसी की टेस्टिंग की जा रही है. इस साइड में 2.93 एकड़ का लंबा चौड़ा जमीन है. इस जमीन में प्लग एंड प्ले योजना के तहत औद्योगिक इकाई का प्लेटफार्म दिया जाएगा. जहां लोग पहुंचकर सॉकेट में प्लग लगावे और अपने उत्पादन की शुरुआत करें. यह उद्योग विभाग की स्कीम है. उन्होंने बताया कि टेक्सटाइल और लेदर के बाद फूड प्रोसेसिंग को भी प्राथमिकता दी जाएगी. यहां आवंटन से पहले पॉल्यूशन को भी ध्यान में रखा जाएगा.
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