Madhubani News. जिले में औसत से 43 फीसदी कम हुई बारिश

वर्तमान वर्ष में जिले में औसत से 43 प्रतिशत कम बारिश हुई है. जिले का सामान्य वर्षापात 1113.3 एमएम है. जबकि इस वर्ष जिले में 15 अक्टूबर तक 635.3 एमएम ही बारिश हुई है.

By Prabhat Khabar News Desk | October 17, 2024 10:53 PM

Madhubani News. मधुबनी. वर्तमान वर्ष में जिले में औसत से 43 प्रतिशत कम बारिश हुई है. जिले का सामान्य वर्षापात 1113.3 एमएम है. जबकि इस वर्ष जिले में 15 अक्टूबर तक 635.3 एमएम ही बारिश हुई है. सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी आंकड़े के अनुसार जून माह में सामान्य औसत वर्षापात 213.6 एमएम है. जबकि इस महीने में जिले में 94 एमएम ही औसत बारिश हुई है. जुलाई माह में सामान्य औसत वर्षापात 333.6 एमएम है. जबकि 169.9 एमएम ही बारिश हुई. अगस्त माह में सामान्य औसत वर्षापात 293.9 है. जबकि 136.9 एमएम ही औसत बारिश हुई. सितंबर माह में औसत वर्षापात 238.6 एमएम है. जबकि 228.1 एमएम औसत बारिश हुई है. जबकि 15 अक्टूबर तक सामान्य वर्षापात 33.6 है. जबकि 6.4 एमएम औसत वर्षापात ही हुई है. बारिश कम होने से किसान हुए मायूस प्रगतिशील किसान ने कहा है कि आशुतोष ठाकुर ने कहा है कि बारिश कम होने से धानरोपनी के बाद भी धान की फसल में बीमारी होने से बाली छोटा हो गया है. जिसके कारण उत्पादन काफी कम होगा. धान की फसल में बीमारी एवं कीट का प्रकोप बढ़ गया है. खेत सूखा रहने के कारण रवि फसल भी प्रभावित होगा. बारिश कम होने से मखाने का फसल पर बहुत बुरा असर पड़ा है. जिसके कारण इस वर्ष मखाना का मूल्य पिछले वर्ष की तुलना में तीन गुना बढ़ गया है. खेती के लिए बारिश पर निर्भर रहने वाले किसानों के लिए बारिश कम होने से काफी निराशा है. किसान कपिल देव झा मुरारी ने कहा कि जिन खेतों में नहर की सुविधा है वहां प्रशासन द्वारा पानी पहुंचाया गया है. जिन खेतों तक बिजली है वहां बोरिंग के माध्यम से किसान अपनी खेती के लिए पानी का इंतजाम कर लेते हैं. लेकिन अधिकतर किसानों के खेतों में न तो बोरिंग और न ही बिजली की सुविधा है. ऐसे में बारिश नहीं होने से काफी सारे किसानों के खेत में लगे धान के फसल सूख गए. किसान सुखराम चौरसिया ने कहा है कि धान एवं मखाना की खेती बारिश के कम होने के कारण बर्बाद हो गया. खेत में नमी नहीं रहने के कारण रबी फसल पर भी इसका दुष्प्रभाव पड़ेगा.

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