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राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत विभिन्न कार्यक्रमों की हुई समीक्षा

जिले के स्वास्थ्य संस्थानों को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए अंचलाधिकारी को पत्र लिखने तथा संबंधित पर प्राथमिक दर्ज करने का निर्देश सिविल सर्जन सह सचिव जिला स्वास्थ्य समिति डॉ नरेश कुमार भीमसारिया ने शुक्रवार को आयोजित स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक में सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को दिया.

By Prabhat Khabar News Desk | May 24, 2024 10:28 PM

मधुबनी . जिले के स्वास्थ्य संस्थानों को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए अंचलाधिकारी को पत्र लिखने तथा संबंधित पर प्राथमिक दर्ज करने का निर्देश सिविल सर्जन सह सचिव जिला स्वास्थ्य समिति डॉ नरेश कुमार भीमसारिया ने शुक्रवार को आयोजित स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक में सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को दिया. इसके साथ ही सीएस ने सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को आगामी बैठक से पूर्व प्रमाण पत्र देने का निर्देश दिया कि उनके क्षेत्र अंतर्गत कोई भी स्वास्थ्य संस्थान अतिक्रमित नहीं है. सीएस ने कहा कि जख्म प्रतिवेदन ससमय उपलब्ध नहीं कराया जाता है इसे 24 घंटे के अंदर तैयार कर थाना को उपलब्ध कराया जाएं. इसके साथ ही थाना प्रभारी के व्हाट्सएप पर भी जख्म प्रतिवेदन भेजने का निर्देश दिया. ई-टेलीमेडिसिन में शून्य प्रतिवेदित चिकित्सकों को निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने का निर्देश दिया. आयुष्मान भारत योजना से प्राप्त राशि को अस्पताल के विकास तथा चिकित्सकों एवं कर्मियों को प्रोत्साहन राशि के रूप में देने का निर्देश दिया. सीएस ने सभी स्वास्थ्य संस्थानों में सतरंगी चादर, पेयजल, कूलर एवं पंखा की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. इसके साथ ही साफ सफाई दवा, पथ्य आपूर्ति तथा रोस्टर के अनुसार चिकित्सकों एवं कर्मियों की उपलब्धता की सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. गर्भवती महिलाओं का निबंध प्रसव पूर्व जांच की समीक्षा के क्रम में सीएस ने कहा कि गर्भवती महिलाओं के निबंधन में जिला की औसत उपलब्धि 114 प्रतिशत है. तथा प्रसव पूर्व जांच में जिला की औसत उपलब्धि 84 प्रतिशत ही है. सीएस ने सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को 10-10 सेशन साइट का निरीक्षण करने का निर्देश दिया. गर्भवती महिलाओं को वितरण करने वाले आईएफए टैबलेट एवं कैल्शियम टेबलेट की समीक्षा की गई. जिला स्तर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा करने का निर्देश दिया. इसके साथ ही होम डिलीवरी कम हो इसके लिए प्रयास किये जाने का निर्देश दिया. आशा एवं एएनएम को चिन्हित करने का निर्देश दिया जिसके द्वारा गर्भवती महिलाओं को बिना किसी विशेष कारण से निजी नर्सिंग होम में प्रसव के लिए भेजा जाता है उनके विरुद्ध कठोर अनुशासनिक कार्रवाई करने का निर्देश दिया. ओपीडी की समीक्षा में पाया गया कि जिले की औसत उपलब्धि 85 प्रतिशत है. इस संबंध में सिविल सर्जन ने अस्पताल आने वाले मरीजों को सरकार द्वारा उपलब्ध सभी मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने तथा कम उपलब्धि प्राप्त करने वाले नीचे से पांच स्वास्थ्य संस्थानों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से स्पष्टीकरण पूछने का निर्देश दिया. सीएस ने पीपीएस की संख्या में बढ़ोतरी करने तथा जिस संस्थान में सर्जन नहीं है, उस संस्थान को अन्य संस्थान से संबंध करने का निर्देश दिया जहां सर्जन उपलब्ध है. हैल्थ एंड वैलनेस सेंटर की समीक्षा के क्रम में निर्देश दिया गया कि जहां से रिपोर्टिंग नहीं किया जाता है, उन संस्थानों को ससमय रिपोर्टिंग करने के लिए निर्देशित किया जाए. समीक्षा बैठक में भव्या एप, मातृ स्वास्थ्य, शिशु स्वास्थ्य, फैमिली प्लानिंग, नियमित टीकाकरण, इ-टेलीमेडिसिन, आरसीएच, डीवीडीएमएस, एचडब्ल्यूसी, एनसीडी एवं आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की समीक्षा की गई. बैठक में डॉ आरके सिंह, डॉ एसएन झा, डॉ जीएम ठाकुर, डॉ डीएस सिंह, पंकज कुमार मिश्र, अभिनव कुमार सिन्हा, संतोष कुमार चौरसिया आदि उपस्थित थे.

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