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Madhubani News. असंगठित कामगार एवं शिल्पकार की दुर्घटना में मृत्यु होने पर मिलेगा दो लाख अनुदान

बिहार शताब्दी असंगठित कार्य क्षेत्र कामगार और शिल्पकार सामाजिक सुरक्षा योजना 2024 लागू किया गया है. इस योजना के तहत कामगार और शिल्पकार की स्वाभाविक मृत्यु होने पर मिलने वाली अनुदान राशि में संशोधन कर बढ़ोतरी कर दी गई है.

Madhubani News. मधुबनी. बिहार शताब्दी असंगठित कार्य क्षेत्र कामगार और शिल्पकार सामाजिक सुरक्षा योजना 2024 लागू किया गया है. इस योजना के तहत कामगार और शिल्पकार की स्वाभाविक मृत्यु होने पर मिलने वाली अनुदान राशि में संशोधन कर बढ़ोतरी कर दी गई है. इसे 23 जनवरी 2024 से लागू कर दिया गया है. विदित हो कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में योजना के तहत 110 स्वीकृत लाभुकों के बैंक खाते में 43 लाख 32 हजार 500 रुपये भेज दिया गया है. वहीं 2024-25 में 137 लाभुकों के आवेदन स्वीकृत किये गये इनमें से 49 लाभुकों के खाते में 26 लाख 60 हजार रुपये का भुगतान कर दिया गया है. वहीं 88 आवेदन भुगतान के लिए लंबित है. इन कामगारों के मृत्यु होने पर मिलता है अनुदान बिहार शताब्दी असंगठित कामगार शिल्पकार सामाजिक सुरक्षा एवं अप्रवासी मजदूरों को इस योजना के तहत बिहार के मजदूरों को सहायता राशि उपलब्ध कराया जाता है. जिसमें मजदूरों को ट्रेन या सड़क दुघर्टना, विद्युत स्पर्शाघात, सांप के काटने, पानी में डूबने, अगलगी, आपराधिक घटना का शिकार होने पर भी मजदूरों को अनुदान का लाभ दिया जाता है. चोट, आत्महत्या या मादक पदार्थ के सेवन के प्रभाव से हुई दुर्घटना कानून का उल्लंघन करने में अगर कोई दुर्घटना होती है तो मुआवजा नहीं दिया जाता है. ऐसे दिया जाता है कामगारों को लाभ योजना के तहत कामगार या शिल्पकार को स्थायी आंशिक निःशक्कता की दशा में पहले 37,500 अनुदान दिया जाता था. इसे बढ़ाकर 50 हजार कर दिया गया है. वहीं पूर्ण अस्थाई निशक्तता की दशा में पहले 75 हजार का प्रावधान था, अब इसे बढ़कर एक लाख कर दिया गया है. दुर्घटना के बाद 5 दिन तक अस्पताल में रहने के दौरान अब कामगार या शिल्पकारों को 10 हजार चिकित्सीय सहायता और उससे संबंधित खर्च के लिए 5 हजार दिया जाता था. अब इसे बढ़ाकर 15 हजार से 60 हजार कर दिया गया है. कामगारों के बच्चों को छात्रवृत्ति का भी लाभ दिया जाता है. दो बच्चों को राज्य के अंदर 11 वीं या 12 वीं में पढ़ने के दौरान 2500 रुपए एक मुफ्त वार्षिक छात्रवृत्ति दी जाती है. दो लड़की के शादी के लिए 50 हजार रुपये दिये जाने का प्रावधान किया गया है. सरकारी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में पढ़ने वाले बच्चों को एक मुश्त 5 हजार वार्षिक छात्रवृत्ति के तौर पर दी जाती है. सरकारी पॉलिटेक्निक कॉलेज में पढ़ने के दौरान एक मुश्त 10 हजार वार्षिक छात्रवृत्ति दी जाती है. योजना का लाभ लेने को जमा करना होगा आवेदन योजना का लाभ लेने के लिए असंगठित कामगार शिल्पकार की मृत्यु के अधिकतम दो वर्ष के अंदर श्रम अधीक्षक कार्यालय या श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी के कार्यालय में आवेदन जमा करना होगा. आवेदन के साथ मृतक के उम्र से संबंधित दस्तावेज, मृतक के काम से संबंधित दस्तावेज, जनप्रतिनिधि द्वारा निर्गत प्रमाण पत्र, मृत्यु प्रमाणपत्र, अंचल से निर्गत पारिवारिक सूची, आवासीय प्रमाणपत्र, आधार कार्ड, बैंक खाता, शपथपत्र, थाना में दर्ज प्राथमिकी एवं पोस्टमार्टम रिपोर्ट जमा करना जरूरी है. क्या कहते हैं अधिकारी श्रम अधीक्षक आशुतोष झा ने कहा कि कामगार और शिल्पकार को पहले स्वाभाविक मृत्यु होने पर 30 हजार रुपए अनुदान दिया जाता था. जिसे बढ़ाकर 50 हजार रुपए कर दिया गया है. वहीं दुर्घटना में मृत्यु होने पर पहले 1 लाख रुपए अनुदान दिया जाता था. इसे बढ़ाकर 2 लाख रुपए कर दिया गया है. योजना का लाभ लेने के लिए असंगठित मजदूरों के आश्रित श्रम अधीक्षक कार्यालय या फिर श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी के कार्यालय में आवेदन जमा कर सकते हैं.

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