प्रशासन एक दशक से बस स्टैंड के लिए कर रही जमीन की तलाश
शहर के लोगों की वर्षों से बस स्टैंड की मांग अभी तक पूरी नहीं हुई है. साल दर साल आधुनिक बस स्टैंड के लिए जमीन अधिग्रहण करने बात की जा रही है.
बस स्टैंड में जलजमाव के अलावे साफ-सफाई, यात्री प्रतीक्षालय, शुद्ध पेयजल, शौचालय, पर्याप्त रोशनी जैसी समस्याओं से यात्रियों को सामना करना पड़ता है. जिला प्रशासन की ओर से बस पड़ाव की देखरेख सही ढंग से नहीं कराया जाता है. जिसके कारण स्थिति बदतर बनी हुई है. यात्रियों के लिए पर्याप्त सुविधा उपलब्ध नहीं होने के कारण बस यात्रा के लिए आने वाले यात्री हमेशा परेशान रहते हैं. ग्रामीण कस्बों से लंबी दूरी की बस पकड़ने के लिए लोग यहां आते हैं. बस के इंतजार करने वाले यात्रियों के लिए यात्री शेड की व्यवस्था नहीं है. इससे यात्रियों को किसी दुकान पर या अन्य जगहों पर समय व्यतीत करना पड़ता है. बरसात के मौसम में बस स्टैंड लबालब पानी के साथ कीचड़ से पटा रहता है. लेकिन जल निकासी की समुचित व्यवस्था अभी तक नहीं हुई है.
रात के समय लगता है डर
बस स्टैंड में रात के समय रोशनी नहीं रहने से यात्रियों को अनहोनी का डर लगा रहता है. कब किसके साथ कोई अनहोनी हो जाए कहा कहना मुश्किल है. क्योंकि शाम होते ही यह रोड सुनसान हो जाता है. इसमें कहीं भी लाइट की व्यवस्था नहीं की गयी है. निवर्तमान वार्ड पार्षद कैलाश साह, कृष्ण मोहन,अनिल साह, धीरेंद्र झा, सतीश महथा सहित कई लोगों ने बस स्टैंड में पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था करने की मांग की है.
क्या कहते हैं मेयर
मेयर अरुण राय ने कहा है कि आधुनिक बस स्टैंड के निर्माण के लिए प्रशासनिक पहल की जा रही है. जगह मिलते ही बस स्टैंड का निर्माण कराया जाएगा.
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