अनुमंडल विधिक सेवा समिति के सचिव ने डीएसपी से मांगा स्पष्टीकरण
न्यायालय में मुकदमों के बढ़ते बोझ को कम करने एवं त्वरित और सुलभ न्याय दिलाने के लिए राष्ट्रीय लोक अदालत से बेहतर और कोई अदालत नहीं है.
झंझारपुर. न्यायालय में मुकदमों के बढ़ते बोझ को कम करने एवं त्वरित और सुलभ न्याय दिलाने के लिए राष्ट्रीय लोक अदालत से बेहतर और कोई अदालत नहीं है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इसी उद्देश्य को लेकर अदालत में समय-समय पर राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है. लोगों को जागरूक करने के लिए अनुमंडल विधिक सेवा समिति के सचिव सह एसीजेएम 2 सुशांत कुमार द्वारा पुलिस, प्रशासनिक, बैंक अधिकारियों के साथ बैठक की जाती है. इस बैठक में शामिल होने की सूचना मिलने के बावजूद बिना किसी लिखित सूचना के अनुपस्थित रहना झंझारपुर के डीएसपी पवन कुमार को महंगा पड़ गया. एसीजेएम 2 सुशांत कुमार ने डीएसपी को भेजे गए शो कॉज में कहा है कि राष्ट्रीय लोक अदालत से पूर्व तैयारी को लेकर बैठक में शामिल होने के लिए डीएसपी को पत्र भेजा गया था. दूसरी बैठक भी हुई थी. उस बैठक में भी उपस्थित होने के लिए पत्र भेजा गया था. लेकिन दोनों बैठक में डीएसपी न तो उपस्थित हुए और न ही बैठक से अनुपस्थित रहने की कोई जानकारी लोक अदालत कार्यालय को दी. बैठक में शामिल नहीं होने को कोर्ट ने इसे अपने कर्तव्य के प्रति लापरवाही मानते हुए डीएसपी को शो कॉज करते हुए तीन दिनों के अंदर जवाब देने का आदेश दिया है.
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