विज्ञान एवं आधुनिकीकरण विषय पर सेमिनार

मधेपुर शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय में विज्ञान एवं आधुनिकीकरण विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया. जिसका उद्देश्य विद्यार्थियों, शिक्षकों, कर्मचारियों एवं समाज को दैनिक जीवन में विज्ञान के महत्व के बारे में जागरूक करना.

By Prabhat Khabar News Desk | August 1, 2024 10:21 PM

झंझारपुर. मधेपुर शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय में विज्ञान एवं आधुनिकीकरण विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया. जिसका उद्देश्य विद्यार्थियों, शिक्षकों, कर्मचारियों एवं समाज को दैनिक जीवन में विज्ञान के महत्व के बारे में जागरूक करना. सेमिनार की शुरुआत प्राचार्य, कर्मचारी, छात्रों एवं विशेषज्ञों द्वारा सामूहिक रूप से पारंपरिक दीप जलाकर किया गया. डीएलएड के विभागाध्यक्ष अब्दुल मन्नान ने होली कुरान का पाठ किया. अंग्रेजी की सहायक प्रोफेसर रीना कुमारी ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की. प्राचार्य डॉ. सैफुल्लाह खान ने सेमिनार के विशेषज्ञ, जवाहर उच्च विद्यालय मधेपुर के प्राचार्य मो. इरफान एवं प्रेसिडेंट ऑफ़ द कॉलेज सत्य नारायण अग्रवाल को गुलदस्ता एवं पगरी प्रदान कर सम्मानित किया. महाविद्यालय के प्राचार्य ने सेमिनार में उपस्थित विशेषज्ञों, स्टाफ एवं सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया. कहा कि विज्ञान के योगदान के बिना आधुनिक जीवन की कल्पना असंभव है. कहा कि स्वास्थ्य कल्याण, कृषि, खाद्य प्रसंस्करण, खाद्य संरक्षण, माल की ढुलाई, एक स्थान से दूसरे स्थान तक यात्रा, संचार, सूचना एवं संचार, युद्ध, मछली, मुर्गी पालन, बकरी पालन, मधुमक्खी पालन, रेशम पालन जीवन के सभी क्षेत्रों में विज्ञान की महत्वपूर्ण भूमिका है. आधुनिक शिक्षण में स्मार्ट क्लास, ओएचपी, एलसीडी एवं अन्य इलेक्ट्रॉनिक शिक्षण सहायक सामग्री का प्रयोग विज्ञान की ही उपलब्धि है. विशेषज्ञ मो. इरफान ने बताया कि आधुनिक युग विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का युग है. उन्होंने कहा कि जो लक्ष्य प्राप्त कर लिया है. वही विकसित देश कहलाए हैं. जिन देशों के पास तुलनात्मक कम विकसित प्रौद्योगिकी है, उन्हें विकासशील देश कहा जाता है. उदाहरण स्वरुप भारत, बांग्लादेश आदि है. जबकि जिस देश में विज्ञान का ज्ञान नहीं है या नाम मात्र का है, उसे गरीब देश माना जाता है. जैसे मध्य अफ्रीका, बुरुंडी आदि है. प्रेसिडेंट ऑफ़ द कॉलेज श्री अग्रवाल ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी की आधुनिक अवधारणा को अपनाने पर जोर दिया. कार्यक्रम में प्राध्यापक सुशील कुमार राय, अब्दुल मन्नान, मो. मुजाहिद हुसैन, रिंकू कुमारी ने विषय वस्तु पर अपना विचार प्रकट किया. शबनम खातून के व्याख्यान को सर्वोत्तम माना. उन्हें प्रथम स्थान के लिए प्रशंसा पत्र प्रदान किया गया. जबकि विक्रान्त कुमार एवं नरेश मुखिया ने क्रमशः दूसरा एवं तीसरा स्थान प्राप्त किया. साथ ही राशदा खातून, शुधा कुमारी, रिता कुमारी, मुस्ताक आलम, मो आरिफ हुसैन, फकरे आलम ने भी सेमिनार में भाग लिया. मंच का संचालन गौरीशंकर ठाकुर ने किया. बिमलेश कुमार सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया.

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