Madhubani News. पहली महिला शिक्षिका सावित्री बाई फुले की जयंती पर संगोष्ठी आयोजित

देश की प्रथम महिला शिक्षिका सह नारी शिक्षा की जननी सावित्री बाई फुले की जयंती समारोह का आयोजन किया गया.

By Prabhat Khabar News Desk | January 3, 2025 10:18 PM

Madhubani News. बेनीपट्टी. नगर पंचायत के वार्ड 17 स्थित संविधान आरक्षण बचाओ संघर्ष मोर्चा के तत्वाधान में मोर्चा के प्रखंड संरक्षक राजेंद्र साफी के आवासीय परिसर में देश की प्रथम महिला शिक्षिका सह नारी शिक्षा की जननी सावित्री बाई फुले की जयंती समारोह का आयोजन किया गया. जिसमें भारत के इतिहास में बहुजनवादी महिलाओं के अविस्मरणीय योगदान के बावजूद शासक वर्गों द्वारा बरती गई जातियता की भेदभाव जैसे मुद्दे पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया. इससे पहले उपस्थित लोगों ने देश की पहली महिला शिक्षिका के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किया. नारी शिक्षा सशक्तीकरण”””””””” विषय पर आयोजित संगोष्ठी का आयोजन प्रो. इश्तियाक अहमद की अध्यक्षता व मोर्चा के जिला प्रधान महासचिव अजित पासवान के संचालन में शुरू की गई. कार्यक्रम में बुद्ध, कबीर, रैदास, फुले, कांशी रामव ड्रा. भीमराव आंबेडकर की शौर्यगाथा का गायन गायक नंद बिहारी ने किया. इस दौरान प्रो इश्तियाक अहमद ने कहा कि बहुजन समाज में जन्मे कई संत महापुरुष, स्वतंत्रता सेनानी, नाटककार, साहित्यकार, पत्रकार जिन्होंने समता, स्वतंत्रता, न्याय और भाईचारे के लिए संघर्ष व शहादत दी है. शिक्षा विभाग के पूर्व उपनिदेशक दिनेश साफी ने कहा कि फुले दंपत्ती समग्र शिक्षा की ज्योति जलाने वाले भारतीय समाज के पहले महामानव थे. जिन्होंने भारतीय समाज में शिक्षा का अलख जगाया. राजद नेत्री ललिता यादव ने कहा कि सदियों की धार्मिक तानाशाही तोड़े बिना बहुजन के 85 प्रतिशत आबादी में स्वाभिमान, मानवतावाद, इंसान और इंसानियत के लिए दर्जनों विद्यालय खोलने का किया गया. रामवरण राम ने कहा द्वितीय महिला शिक्षिका माता फातिमा शेख का योगदान को भुलाया नहीं जा सकता. मो. बदरुल हक ने कहा कि आज संविधान, लोकतंत्र, आरक्षण को समाप्त करने की साजिश को विफल करने के लिए बहुजन समाज को एकजुट होकर सड़क पर उतरना होगा. डा. शंकर चौधरी ने कहा कि सावित्री बाई फुले सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक विषमता के लिए जान कि बाजी लगा दी. पूर्व मुखिया अजित पासवान ने कहा कि सावित्री बाई फुले ने अपने पति के साथ सहयोग से इस देश में सबसे पहले “बाल हत्या प्रतिबंधक गृह “तथा निराश्रित असहाय महिलाओं के लिए अनाथालय आश्रम खोला. उदय शंकर व प्रह्लाद ने कहा कि 1852 में महिला मंडल का गठन कर भारतीय महिला आंदोलन जा प्रथम नेतृत्व किया. कार्यक्रम में भोगेंद्र यादव, शंकर पासवान, पूर्व मुखिया मो. अनिसूल अंसारी, सोनी देवी, राम शरण साहू, डोमू धनकार, मो. अकबर, माधुरी साफी, मालती साफी, कांति साफी, कार्यपालक पदाधिकारी बेनीपट्टी गौतम आनंद, मनोज कुमार यादव, कामेश्वर यादव, संजय कुमार, रामरती देवी ने विचार व्यक्त किया.

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