झंझारपुर. मिथिला समाज ट्रस्ट दिल्ली की ओर से लोहना पैटघाट स्थित दुर्गा स्थान में ”भाषा साहित्य” सम्मान कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसका शुभारंभ जलवायु और किसानों के प्रति मिथिला समाज ट्रस्ट की प्रतिबद्धता के तौर पर मंदिर परिसर में सामूहिक पौधरोपण से हुआ. मुख्य अतिथि डॉ. शिवशंकर श्रीनिवास, विशिष्ट अतिथि डॉ. जगदीश मिश्र, विशेष अतिथि डॉ.राम चैतन्य धीरज, प्रीतम निषाद एवं आचार्य रामानंद मंडल ने की. अध्यक्षता शैलेंद्र आनंद ने किया. मुख्य अतिथि ने अपने संबोधन में मैथिली साहित्य के उत्थान में मिथिला समाज ट्रस्ट के प्रयासों की सराहना और गंभीरता से कार्य करने का आह्वान किया. विशेष अतिथि ने कार्यक्रम के केंद्रीय विषय-विंदु पर अपनी बातें रखी. ट्रस्टी राजीव कुमार झा (कवि एकांत) ने अपने संबोधन में मिथिला समाज ट्रस्ट की स्थापना एवं उद्देश्य की जानकारी दी. अवसर पर मैथिली साहित्यकार दिलीप कुमार झा को उनके उपन्यास ””सिराउर”” के लिए ”गङ्गानन्द-ज्योतिरीश्वर”, श्रीमति सुनीता झा को उनके कथा संग्रह ”जीवनक रङ्ग” के लिए ””शर्मदा योगेंद्र-अणिमा सिंह””, श्री अमर नाथ झा ””अमर”” को उनके कविता संग्रह ””थिर कयने मोन”” के लिए ””मधुकर””, श्री एवं मनोज कामत को उनके बाल नाटक ””हमहुं जेबै इसकुल”” के लिए ””मिथिला समाज”” आदि नाम से भाषा साहित्य सम्मान-2022 से सम्मानित किया गया. अवसर पर कवि गोष्ठी का भी आयोजन किया गया. साहित्यकारों को सम्मान में स्मृति चिह्न, प्रमाण-पत्र एवं नकद राशि प्रदान किए गए. मंच का संचालन अनुराग मिश्र ने किया. मुखिया अशोक झा को भाषा साहित्य में सहयोग के लिए संस्था की ओर से ””मिथिला समाज लोक नायक सम्मान”” से विभूषित किया गया. इस दौरान राम चैतन्य धीरज कृत मिथिला शब्द दर्शन, डा. कांञ्चीनाथ झा किरण कृत अभिमानिनी और सबिता झा सोनी कृत बाल ज्ञान-विज्ञान पुस्तकों का लोकार्पण भी किया गया. कार्यक्रम के दूसरे और अंतिम चरण मे कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया. आनन्द मोहन, मुख्तार आलम, काशी नाथ झा किरण सहित कई कवियों ने अपनी -अपनी रचनाएं प्रस्तुत की.
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