दवा की कमी नहीं बनेगी राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम में बाधक

राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत 12 तरह की दवा का इस्तेमाल किया जाता है.

By Prabhat Khabar News Desk | July 7, 2024 9:43 PM

मधुबनी. राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत 12 तरह की दवा का इस्तेमाल किया जाता है. जिसमें आइसोनियाजिद टेबलेट 100 मिलीग्राम एवं 300 मिलीग्राम, पायिराजीनामाइड टेबलेट 400, 500, 750 एवं 1000 मिलीग्राम, रिफाम्पीसिन टेबलेट 150, 300 एवं 450 मिलीग्राम, लाइनजोलिड टेबलेट 600 मिलीग्राम एवं लिवोफ्लोक्सासिन 250 एवं 500 मिलीग्राम सहित अन्य दवा शामिल है. दवा की कमी राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम में बाधक नहीं बने एवं इसकी उपलब्धता हर समय बनी रहे, को लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है. अब राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत आने वाली सभी तरह की दवा की आपूर्ति बीएमएस आइसीएल द्वारा की जाएगी. इस संबंध में सचिव स्वास्थ्य-सह-कार्यपालक निदेशक सुहर्ष भगत ने बीएमएसआइसीएल के प्रबंध निदेशक को सभी तरह की औषधियां की आपूर्ति करने का अनुरोध किया है.

केंद्र सरकार के निर्देशानुसार लिया गया निर्णय

कार्यपालक निदेशक द्वारा जारी पत्र में कहा गया है, कि राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत टीबी एवं ड्रग रेजिस्टेंट टीबी रोगियों की आवश्यक दवा की आपूर्ति केन्द्रीय यक्ष्मा प्रभार भारत सरकार द्वारा किया जाता था. कतिपय कारणों से केन्द्रीय आपूर्ति में बिलंब होने की स्थिति में राज्य स्तर से यक्ष्मा निरोधी औषधियों का क्रय करने का निर्देश दिया गया है. इसके आलोक में इंडी बीएमएसआइसीएल के माध्यम से टीबी उपचार में प्रयुक्त होने वाली सभी 12 प्रकार की दवा जो पूर्व से अनुबंधित है. इसके अलावे बेडाक्विलिन 100 एमजी व डेललमानीड 50 एमजी का दर निर्धारण प्रक्रियाधीन है. इसके अतिरिक्त सभी 9 प्रकार की औषधियों की विशिष्टता के अनुसार दर अनुबंध करते हुए मांग के अनुसार उपलब्ध कराया जाएगा. ईडी ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले बच्चों एवं वयस्कों में टीबी से सुरक्षा के लिए उन्हें प्रिवेंटिव ट्रीटमेंट के रूप में आइसोनियाजिद टेबलेट 100 मिलीग्राम एवं 300 मिलीग्राम व लिवोफ्लोक्सासिन 250 एवं 500 मिलीग्राम देने का निर्देश जिला यक्ष्मा कार्यालय को दिया है. इसके अलावे पायिराजीनामाइड टेबलेट 400, 500, 750 एवं 1000 मिलीग्राम, रिफाम्पीसिन टेबलेट 150, 300 एवं 450 मिलीग्राम, लाइनजोलिड टेबलेट 600 मिलीग्राम एवं लिवोफ्लोक्सासिन 250 एवं 500 मिलीग्राम का उपयोग विशेष परिस्थितियों जैसे एडवर्स ड्रग रिएक्शन मरीजों को दी जाती है. डीपीसी पंकज कुमार ने कहा कि वर्तमान में जिला यक्ष्मा दवा भंडार में दवा की किल्लत नहीं है. उन्होंने कहा कि यक्ष्मा रोगियों को दवा की कमी नहीं होने दी जाएगी.

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