मधुबनी. जिले में टीबी दवा की किल्लत अब दूर हो गयी है. विभागीय स्तर से जिले को जरूरी दवा का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध करा दी गयी है. गौरतलब है कि बीते करीब डेढ़ महीने से जिले में टीबी की जरूरी दवा उपलब्ध नहीं होने के कारण सरकारी संस्थानों में टीबी की दवा नहीं मिल रही थी. जिससे मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था. दवा का पुराना स्टॉक खत्म होने व विभाग से दवा की आपूर्ति बाधित होने के कारण यह समस्या विकराल रूप ले चुका था. मरीजों को दवा के लिये एक संस्थान से दूसरे संस्थान का चक्कर लगाना पड़ रहा था. बाजार में दवा की कीमत अधिक होने के कारण लोग इसे खरीदने में असमर्थ थे. हालांकि स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्थानीय बाजार से जरूरी दवा की खरीदारी कर जरूरतमंद मरीजों को उपलब्ध कराया जा रहा था. लेकिन विभागीय स्तर से किया गया यह वैकल्पिक इंतजाम अपर्याप्त साबित हो रहा था. दवा उपलब्ध होने के बाद मरीजों के साथ विभागीय अधिकारियों ने भी राहत की सांस ली है. जिले में तीन हजार से अधिक टीबी के सक्रिय मरीज जिले में फिलहाल 3 हजार 965 टीबी के सक्रिय मरीज हैं. इसमें एमडीआर के 165 मरीज भी शामिल हैं. डीपीसी पंकज कुमार ने कहा है कि जरूरी दवा अनुपलब्ध रहने के कारण विभिन्न संस्थानों में इलाज के लिये आने वाले मरीजों को निराशा झेलनी पड़ रही थी. जिसके कारण स्वास्थ्य अधिकारियों को भी लोगों की नाराजगी का सामना करना पड़ रहा था. दवा उपलब्ध हो जाने के बाद जिले में टीबी उन्मूलन अभियान को मजबूती मिलेगी. साथ ही दवा की किल्लत को लेकर मरीजों को हो रही असुविधा भी दूर होगी. टीबी उन्मूलन अभियान को मिलेगी मजबूती जिला यक्ष्मा नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. जीएम ठाकुर ने कहा है कि विभागीय स्तर से जिले को पर्याप्त दवा उपलब्ध कराया गया है. मांग व जरूरत के हिसाब से सभी संस्थानों को दवा उपलब्ध कराया जा रहा है. ताकि जरूरतमंद मरीजों के बीच इसका वितरण सुनिश्चित कराया जा सके. दवा की आपूर्ति बाधित होने से मरीजों को थोड़ी दिक्कतें आ रही थी. जो अब दूर हो जायेगी. मरीजों को समय पर सभी जरूरी दवा उपलब्ध हो सकेगा. उन्होंने कहा कि टीबी की बीमारी से पूर्णत: निजात पाने के लिये दवा का निर्धारित कोर्स पूरा किया जाना जरूरी है.
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