कब्रिस्तान में बैठकर पढ़ते हैं हरना उर्दू मध्य विद्यालय के छात्र-छात्रा

भवन के अभाव में खुले आसमान के नीचे छात्र-छात्रा कब्रिस्तान में पठन-पाठन करने को विवश है. यह समस्या हरना पंचायत के उत्क्रमित मध्य विद्यालय उर्दू का है. यहां के छात्र-छात्रा कब्रिस्तान में बैठकर पढ़ाई और मध्याह्न भोजन करते है

By Prabhat Khabar News Desk | August 4, 2024 9:42 PM

झंझारपुर/अंधराठाढ़ी: भवन के अभाव में खुले आसमान के नीचे छात्र-छात्रा कब्रिस्तान में पठन-पाठन करने को विवश है. यह समस्या हरना पंचायत के उत्क्रमित मध्य विद्यालय उर्दू का है. यहां के छात्र-छात्रा कब्रिस्तान में बैठकर पढ़ाई और मध्याह्न भोजन करते है. कुछ बच्चे सड़कों पर भोजन करते है तो कुछ मस्जिद व ईदगाह के मुख्य द्वार पर बैठकर मध्याह्न भोजन करते हैं. कारण कमरा की कमी है. यह समस्या एक दो दिनों से नहीं, बल्कि 18 वर्षों से चली आ रही है. बारिश और धूप में हालात और अधिक खराब रहती है. बारिश व तेज धूप या ठंडी के मौसम में बच्चों को घर वापस भेजना पड़ता है. विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक जगन्नाथ पासवान ने कहा कि जमीन नहीं रहने के कारण भवन का अभाव है. समस्या को लेकर वरीय पदाधिकारी भी कई बार विजीट कर चुके है. जमीन उपलब्ध कराने को लेकर बीडीओ और सीओ को भी कई बार पत्राचार किये है. बावजूद समस्या का समाधान नहीं किया जा सका है.

दो कमरे में 2016 से संचालित है स्कूल

मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2016 में इस विद्यालय को प्राइमरी से उत्क्रमित कर मिडिल स्कूल बनाया गया. प्राइमरी स्कूल के समय में भी दो कमरा था, अपग्रेड होकर मिडिल स्कूल बनने पर भी दो कमरे में ही स्कूल संचालित किया जा रहा है. विद्यालय के हेड मास्टर जगन्नाथ पासवान ने कहा कि विद्यालय में दो कमरे हैं. इन दो कमरों में एक कमरा में किचेन, स्टोर और रूम में बचे हुए जगह में क्लास चलता है. दूसरे कमरे में कार्यालय, शिक्षकों के बैठने की जगह के बाद बचे हुए जगह में वर्ग संचालन किया जाता है. कभी यहां 400 से अधिक छात्र-छात्रा नामांकित थे. लेकिन अब नामांकित छात्रों की संख्या घटकर अब 295 हो गई है. विद्यालय में नौ शिक्षक शिक्षिकाएं पदस्थापित है. इन्हें भी बैठने में काफी दिक्कत होती है. शिक्षक भी खुले में सड़कों पर कुर्सी लगाकर बैठकर बच्चों को पढ़ाते हैं. भोजन बनाने की व्यवस्था बरामदे में की जाती है. बरामदे में भी बच्चे पढ़ते हैं.

अल्पसंख्यक समुदाय के लिए प्रखंड में दो विद्यालय है संचालित

प्रखंड में अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों के लिए सिर्फ दो स्कूल संचालित है. एक जमैला में और दूसरा हरना गांव में. इसी गांव में एक दूसरा विद्यालय नया प्राथमिक विद्यालय खोब्रा टोल भी है. जहां जमीन है लेकिन भवन नहीं बना है. 150 से अधिक छात्र पढ़ते हैं. शिक्षक 6 है. वर्ष 2006 से ही एक निजी दलान पर स्कूल चल रहा है. जिसे लेकर ग्रामीण में अक्रोश गहराते जा रहा है.

2014-15 में 7 लाख रुपये भवन निर्माण के लिए मिली थी राशि

ऐसा नहीं है कि स्कूल भवन के लिए विभाग ने राशि उपलब्ध नहीं कराई है. 2014-15 में भवन निर्माण के लिए 7 लाख विभाग ने उपलब्ध कराया था. लेकिन जमीन की कमी का हवाला देकर विभाग द्वारा उपलब्ध कराई गई राशि को वापस कर दिया गया. शिक्षक सफीकुर रहमान ने कहा कि कुछ दिनों में कब्रिस्तान की घेराबंदी हो जाएगी. फिर बच्चों को सड़क के अलावे कोई दूसरा जगह नहीं रह जाएगा पढ़ाई करने के लिए.

क्या कहते हैं अधिकारी

प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी विमला देवी ने कहा कि विभाग को संज्ञान में है. रिमाइंडर भी कई बार किया गया है. समस्या का निदान करने का प्रयास किया जा रहा है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version