Madhubani News. मधुबनी. डीडीसी दीपेश कुमार की अध्यक्षता में समाहरणालय स्थित सभा कक्ष में शनिवार को जिला सड़क सुरक्षा समिति, विद्यालय परिवहन समिति व हीट एंड रन मामले की समीक्षा बैठक हुई. उन्होंने सड़क सुरक्षा, हीट एंड रन मामले, सड़क संबंधी कमियों का न्यूनीकरण, सुरक्षित वाहन चालन, घायलों की मदद, दुर्घटना दावा, चिन्हित ब्लैक स्पॉट पर सड़क सुरक्षा को लेकर की गई कार्रवाई की समीक्षा की. वहीं शहर में जाम की समस्या व यातायात नियमों के संबंध में जागरूकता की समीक्षा कर संबंधित अधिकारियों को कई आवश्यक निर्देश भी दिए. समीक्षा के क्रम में डीडीसी ने पथ निर्माण विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग, एनएच के अभियंताओं को सभी चिन्हित ब्लैक स्पॉट स्थलों पर अनिवार्य रूप से दुर्घटना रोकने के लिए गति सीमा साइनेज लगाने, जेब्रा क्रॉसिंग, सड़क किनारे उजली पट्टी लगाने सहित दिए कई आवश्यक निर्देश दिया गया. समीक्षा के क्रम में यह पाया गया कि एनएच से जुड़ने वाली अधिकांश लिंक रोड में आये दिन दुर्घटना होते रहती है. उन्होंने एनएच के अभियंताओं को सभी लिंक रोड जहां एनएच से मिलती है वहां स्पीड ब्रेकर, महत्वपूर्ण साइनेज एवं दुर्घटना रोकने के लिए सभी आवश्यक उपाय करने को कहा. उन्होंने 13 नंबर गुमटी पर आरओबी निर्माण को लेकर तेजी से कार्रवाई करने का निर्देश दिया. साथ ही 11 नंबर गुमटी पर भी आरओबी निर्माण के लिए आरसीडी के अभियंताओं को भी निर्देश दिए. बैठक में यातायात डीएसपी से प्राप्त प्रस्ताव के आलोक में छठ पर्व के अवसर पर जलधारी चौक से स्टेशन की तरफ जाने वाली सड़क को वन वे करने का निर्णय लिया गया. उन्होंने मोटर वाहन अधिनियम अंतर्गत जांच एवं कार्रवाई को सख्ती से लागू करने का निर्देश देते हुए कहा कि नियमित रूप से कृत कार्रवाई से संबंधित रिपोर्ट भेजें. उन्होंने कहा कि आमलोगों को जागरूक कर सड़क दुर्घटना की संभावना को काफी कम किया जा सकता है. उन्होंने जिला शिक्षा पदाधिकारी को विद्यालय के पठन-पाठन में बच्चों के बीच वाद-विवाद प्रतियोगिता, स्लोगन, पेंटिंग कंपटीशन, विचार गोष्ठी का आयोजन के माध्यम से सड़क सुरक्षा के प्रति बच्चों को जागरूक करने का निर्देश दिया. हीट एंड रन मामलों की समीक्षा के क्रम में निर्देश दिया कि हीट एंड रन के शत-प्रतिशत मामले को पूरी गंभीरता से लेकर मुआवजा के लिए त्वरित कार्रवाई करें. समीक्षा के क्रम में पाया गया की अभी तक मात्र 83 मामले मुआवजा हेतु जीआईसी को भेजा गया है. जिसमें से मात्र 48 पीड़ितों को ही भुगतान किया गया है. उन्होंने ने उस्थित डीटीओ को निर्देश दिया कि सभी मामलों का आवेदन लेकर मुआवजा के लिए करवाई करें. उन्होंने कहा कि पुलिस थाने द्वारा औचक रूप से मॉक ड्रिल के रूप में क्षेत्र के अधीन पड़ने वाले स्वास्थ्य केंद्रों पर कॉल कर यह जांच करनी चाहिए कि एंबुलेंस मंगाए जाने पर समय से पहुंच रही है या नहीं. इससे उनकी तत्परता का आकलन भी किया जा सकेगा. बैठक में जिला परिवहन पदाधिकारी शशि शेखरण, उप निदेशक जनसंपर्क परिमल कुमार, सिविल सर्जन, तकनीकी विभागों के अभियंता, विद्यालय परिवहन समिति के सदस्य सहित कई संबंधित अधिकारी उपस्थित थे.
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