अब जिले में ट्रूनेट मशीन से होगी टीबी की जांच
सदर अस्पताल एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में एमडीआर टीबी मरीज की जांच अब ट्रूनेट मशीन से की जाएगी. इसके लिए राज्य यक्ष्मा प्रभाग के निर्देश के आलोक में बीएमएसआईसीएल द्वारा जिले के 16 स्वास्थ्य संस्थानों में ट्रूनेट मशीन लगाई गई है.
मधुबनी. सदर अस्पताल एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में एमडीआर टीबी मरीज की जांच अब ट्रूनेट मशीन से की जाएगी. इसके लिए राज्य यक्ष्मा प्रभाग के निर्देश के आलोक में बीएमएसआईसीएल द्वारा जिले के 16 स्वास्थ्य संस्थानों में ट्रूनेट मशीन लगाई गई है. इससे टीबी मरीजों की जांच में आसानी होगी. सिविल सर्जन डॉ. नरेश कुमार भीमसारिया ने कहा है कि टीबी जांच में आ रही कठिनाई को देखते यह निर्णय लिया गया है. देश में वर्ष 2025 तक टीबी उन्मूलन का लक्ष्य रखा गया है इसमें यह मशीन काफी सहायक सिद्ध हो सकता है. यह मशीन टीबी के संभावित मरीज के जांच के लिए प्रयोग की जाएगी.
बीएमएसआईसीएल ने की है उपकरणों की आपूर्ति
सिविल सर्जन डॉ. नरेश कुमार भीमसारिया ने कहा कि राज्य यक्ष्मा प्रभाग ने बीएमएसआईसीएल के माध्यम से उपकरणों की आपूर्ति की है. उन्होंने कहा कि उपकरणों की उपलब्धता जिले में सुनिश्चित कर तत्काल प्रभाव से टीबी की जांच शुरू करने का निर्देश दिया गया है . ट्रूनेट मशीन जिले के डीटीसी मधुबनी, एसडीएच झंझारपुर, एसडीएच फुलपरास, एसडीएच बेनीपट्टी, एसडीएच जयनगर, सीएचसी बिस्फी, पीएचसी पंडौल, सीएचसी बाबूबरही में पूर्व में ही लगाया गया था. इसके अलावे सीएचसी माधवपुर, सीएचसी बासोपट्टी, सीएचसी खजौली, सीएचसी लदनियां, सीएचसी लौकही, पीएचसी मधेपुर, पीएचसी अंधराठाढ़ी तथा सीएचसी राजनगर में ट्रूनेट मशीन लगाया गया है
हर व्यक्ति की नि:शुल्क जांच व इलाज
जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. जीएम ठाकुर ने कहा कि जिले के सभी प्रखंडों में प्राथमिक तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर टीबी के मरीजों के इलाज की नि:शुल्क सुविधा उपलब्ध है. यहां मरीज अपना इलाज करा सकते हैं. इसके साथ ही मरीजों को नि:शुल्क दवा भी दी जाती है. इससे टीबी के मरीजों को काफी सहूलियत होगी. उन्होंने कहा कि 2025 में टीबी मुक्त बनाने का संकल्प लिया गया है. इसीलिए टीबी रोग की रोकथाम के विभिन्न उपाय किए जा रहे हैं. टीबी रोगी सघन खोज अभियान में टीबी के लक्षण मिलने पर उसके बलगम की जांच की जाती है. साथ ही टीबी रोग पर नियंत्रण करने के लिए लोगों को जागरूक करने का प्रयास भी किया जा रहा है.
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