जुलाई के दूसरे सप्ताह में स्वच्छता आंकलन के लिए पहुंचेगी टीम

स्वच्छ रैकिंग में बेहतर प्रदर्शन करना निगम के लिए चुनौती होगा. इसके लिए कार्य योजना तैयार कर तेजी से काम करना होगा .

By Prabhat Khabar Print | June 29, 2024 9:56 PM

मधुबनी. स्वच्छ रैकिंग में बेहतर प्रदर्शन करना निगम के लिए चुनौती होगा. इसके लिए कार्य योजना तैयार कर तेजी से काम करना होगा . संभावना जतायी जा रही है कि जुलाई महीने में केन्द्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण की टीम आयेगी. जिसमें साफ सफाई, कचरे का निपटारा, नाला की स्थिति, अपशिष्ट प्रबंधन के अलावा शहर के नागरिकों का फीड बैक लिया जायेगा. हालांकि निगम का कहना है कि सभी बिंदुओं पर काम किया जा रहा है. जहां – जहां कमी दिख रही है, कार्य योजना तैयार कर काम शुरू कर दिया गया है. डोर टू डोर कचरा संग्रहण और जैविक खाद उत्पादन पर मुख्य फोकस शहर में अभी तक पूरी तरह से डोर टू डोर कचरा संग्रहण का कार्य नहीं चल रहा है. इसके लिए संसाधन का अभाव देखा जा रहा है. निगम का विस्तार हुआ है, डोर टू डोर कचरा का संग्रहण में संसाधनों की कमी है. इसे पूरा कर लिया जाएगा. इसके लिए 150 कचरा पेटी, डस्टबिन, ई-रिक्शा, ठेला की खरीद की जाएगी. साथ ही जैविक खाद निर्माण के लिए पीट स्थल पर कचरा प्रोसेसिंग मशीन लगाने की योजना है. डंपिंग स्थल की घेराबंदी, पहुंच पथ का निर्माण साहित्य अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी. यह काम जुलाई महीने में पूरा होने की संभावना है. प्रतिनिधियों का सहयोग जरुरी नागरिकों की सहभागिता के लिए प्रतिनिधियों का सहयोग काफी जरुरी होता है. बताते चलें कि स्वच्छ संरक्षण रिपोर्ट के मुताबिक 2021 के बाद से इसमें सुधार हुआ है लेकिन अपेक्षित रैंकिंग नहीं हासिल हो सका है. राष्ट्रीय रैंकिंग में 2022 में उस समय के नगर परिषद 113 वां स्थान मिला था. 2022 में इसकी रैंकिंग में 20 की और गिरावट दर्ज की गयी थी. लेकिन 2023 में निगम बनने के बाद काफी सुधार हुआ और देश के स्तर पर 103 वां स्थान हासिल किया. इस साल इसमें सुधार करने का काम हर स्तरों पर किया जा रहा है. हर मानक में सुधार रैंकिंग संबंधी मानकों के संबंध में नगर निगम की ओर से स्वच्छ सर्वेक्षण संबंधी दस्तावेज और भौतिक सत्यापन कराये जाने की प्रक्रिया अपनायी जाती है. सर्वेक्षण का थीम इस साल रिड्यूज, रियूज ओर रिसाइकल पर आधारित होगी. इसके लिए 9500 अंक निर्धारित किया गया है. जिसमें सबसे अधिक अंक सर्विस लेवल प्रोग्राम व सर्टिफिकेशन पर 25 सौ अंक निर्धारित होगा. कूड़े के अलग-अलग करने, संग्रहण करने और उसे निर्धारित डंपिंग स्थल पर ले जाने के लिए 13 प्रतिशत, कचरा के निस्तारण में चार प्रतिशत और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए 40 फीसदी अंक निर्धारित किया गया है. इसके साथ ही नागरिकों के फीडबैक पर भी अंक निर्धारित होगा. क्या कहते हैं अधिकारी नगर आयुक्त अनिल चौधरी ने बताया कि जिन मानकों को निर्धारित किया गया है, उसके लिए अलग से योजना बनाकर काम शुरू किया गया है. उम्मीद है कि इस साल निगम बेहतर अंक लाने में सफल होगा.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version