पारा 35 के पार, बारिश के आसार नहीं
बारिश के मौसम में पिछले एक सप्ताह से भीषण गर्मी के कारण लोगों की परेशानी बढ़ गयी है.
मधुबनी . बारिश के मौसम में पिछले एक सप्ताह से भीषण गर्मी के कारण लोगों की परेशानी बढ़ गयी है. गर्मी का आलम यह है कि पारा सोमवार को 37.5 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया. जिसके कारण जनजीवन काफी प्रभावित हो रहा है. उमस भरी गर्मी के कारण सड़कों पर आवागमन भी कम हो गया है. इस बीच मौसम वेधशाला पूसा से प्राप्त जानकारी के अनुसार मानसून कमजोर होने के कारण आने वाले 2- 3 दिनों में अच्छी बारिश होने के आसार भी नहीं है. मौसम वेधशाला पूसा के वरीय वैज्ञानिक सह नौडल पदाधिकारी डा. ए सत्तार की मानें तो 27 से 31 जुलाई कत जिले में आसमान में हल्के से मध्यम बादल छाया रहेगा. इस अवधि मानसून कमजोर होने के कारण आने वाले 2- 3 दिनों में अच्छी बारिश के आसार नहीं है. साथ ही इस अवधि में अधिकतम तापमान 33-35 डिग्री सेल्सियस के आसपास रह सकता है. जबकि न्यूनतम तापमान 27-29 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान है. इस अवधि में 12-15 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से पुरबा हवा चलने का अनुमान है. सोमवार को जिले का तापमान 37.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. वहीं न्यूनतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. स्वास्थ्य संस्थानों को अलर्ट मोड में रहने का निर्देश अत्यधिक गर्मी एवं इससे उत्पन्न लू से आमलोगों को स्वास्थ्य संबंधी गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. विशेषकर छोटे बच्चों, स्कूली बच्चे, बुजुर्ग, गर्भवती एवं धात्री माताओं व विभिन्न कार्य के लिए घर से बाहर निकलने वाले लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो रही है. इस मौसम में पेयजल संकट की स्थिति भी गंभीर हो गयी है. सिविल सर्जन डॉ. नरेश कुमार भीमसारिया ने भीषण गर्मी एवं लू से बचाव व इससे उत्पन्न विभिन्न प्रकार की स्वास्थ संबंधी बीमारियों के चिकित्सकीय उपचार एवं प्रबंधन के लिए सभी स्वास्थ्य संस्थानों को आवश्यक दिशा निर्देश जारी किया है. जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, रेफरल अस्पताल, अनुमंडलीय अस्पताल एवं सदर अस्पताल में भीषण गर्मी एवं लू से प्रभावित व्यक्तियों की अहर्निश रूप से समुचित चिकित्सीय उपचार एवं प्रबंधन के लिए विशेष कार्य योजना तैयार करने का निर्देश दिया है. सभी सरकारी अस्पतालों में एंटी डायरियल मेडिसिन, आइबी फ्लूड ओआरएस एवं इससे संबंधित अन्य आवश्यक औषधियों व मेडिकल डिवाइस एवं कंज्यूमेबल की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. लू से प्रभावित व्यक्तियों का हर्ट रेट, रिस्पायरेट्री रेट, ब्लड प्रेशर, रेक्टल टेंपरेचर एवं मेंटल स्टेट का लगातार निगरानी करने का निर्देश दिया है. लू से ग्रसित गंभीर मरीजों का कंपलीट ब्लड काउंट, इलेक्ट्रोलाइ, ईसीजी, अदर मेटाबॉलिक एब्नार्मेलिटीज, लिवर फंक्शन टेस्ट एवं किडनी फंक्शन टेस्ट कराने की व्यवस्था सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया है. सभी सरकारी अस्पतालों में भीषण गर्मी एवं लू के चिकित्सकीय प्रबंधन के लिए डेडीकेटेड वार्ड में समुचित संख्या में बेड की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है. डेडीकेटेड वार्ड में 24 घंटे चिकित्सकों एवं पारा चिकित्सा कर्मियों का रोस्टर संधारित करते हुए प्रतिनियुक्ति करने का निर्देश दिया है. भीषण गर्मी एवं लू के मद्देनजर सभी एंबुलेंस में एयर कंडीशन की क्रियाशीलता ऑक्सीजन एवं आवश्यक उपकरणों की व्यवस्था का निर्देश दिया है. साथ ही एंबुलेंस को 24 घंटे अलर्ट मोड में रखने का भी निर्देश दिया है. सदर अस्पताल एवं अनुमंडलीय अस्पताल सहित जिला के प्रभावित क्षेत्रों के निकटतम सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में रोस्टर संधारित कर अतिरिक्त चिकित्सकों एवं पारा मेडिकल स्टाफ की 24 घंटे तैनाती, आवश्यक औषधियों एवं चिकित्सकीय उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. इसके अतिरिक्त जिला के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में विशेष चिकित्सकों को ऑन कॉल ड्यूटी पर 24 घंटे उपलब्ध रहने का निर्देश दिया है. ओपीडी में 525 मरीजों का रजिस्ट्रेशन उमस भरी गर्मी के कारण थोड़ी सी भी चूक लोगों को परेशान कर रही है. वर्तमान में वायरल बुखार सर्वाधिक परेशानी का सबब बना हुआ है. बताया जाता है कि वायरल बुखार की चपेट में आने से कम से कम तीन दिनों तक मरीज को परेशानी होती है. इधर डॉक्टरों की मानें तो अभी के समय में लोगों के बीमार होने पर बुखार के अलावा कमजोरी, सिर दर्द आदि की सर्वाधिक शिकायतें होती हैं. खासकर अभी लोग बीमार पड़ने पर काफी कमजोर हो जाते हैं. सोमवार को सदर अस्पताल ओपीडी में 525 मरीजों का रजिस्ट्रेशन किया गया. जिसमें सबसे अधिक मेल मेडिकल ओपीडी में 185 मरीजों का इलाज किया गया. मेल मेडिकल वार्ड में तैनात चिकित्सक डा. प्रभात ने कहा कि वर्तमान में सबसे अधिक मरीज सर्दी, खांसी व बुखार व मानसिक रोग से पीड़ित मरीज आ रहे हैं. इसके बाद गायनिक ओपीडी में डा. शाहिदा फारुकी द्वारा 150 गर्भवती महिलाओं व गायनिक से संबंधित महिलाओं का इलाज किया गया. आर्थो ओपीडी में डा. राजीव रंजन एवं डा. विक्रम सिंह रैगर द्वारा 165 मरीजों का इलाज किया गया. डा. रंजन ने कहा कि मौसम में बदलाव होने के कारण आर्थो राइटिस सहित चोट लगने के कारण दर्द, कमर घुटनों सहित जोड़ों के दर्द के मरीज आ रहे हैं. इसके अलावे आई ओपीडी में डा. आशिक रेजा द्वारा 40 मरीजों का इलाज किया गया. डेंटल ओपीडी में डा. महारानी कुमारी द्वारा 20 तथा चाईल्ड ओपीडी में डा रवि प्रकाश द्वारा 50 बच्चों का इलाज किया गया.
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