नाबालिग का अपहरण कर दुष्कर्म करने के मामले में एक को दस वर्ष कारावास

अपर जिला एंव सत्र न्यायालय सह विशेष न्यायालय पॉक्सो के न्यायाधीश गौरव आनंद की न्यायालय में शुक्रवार को लदनियां थाना क्षेत्र में तकरीबन दो वर्ष पूर्व नाबालिग का अपहरण कर दुष्कर्म करने मामले की सजा के बिंदु पर सुनवाई हुई.

By Prabhat Khabar News Desk | April 26, 2024 10:06 PM

मधुबनी . अपर जिला एंव सत्र न्यायालय सह विशेष न्यायालय पॉक्सो के न्यायाधीश गौरव आनंद की न्यायालय में शुक्रवार को लदनियां थाना क्षेत्र में तकरीबन दो वर्ष पूर्व नाबालिग का अपहरण कर दुष्कर्म करने मामले की सजा के बिंदु पर सुनवाई हुई. न्यायालय ने दोनों पक्ष की दलील सुनने के बाद आरोपी लदनियां थाना क्षेत्र के सिधपकला निवासी पप्पू कुमार यादव को 376 भादवि एवं पॉक्सो एक्ट की धारा 4 में 10 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही न्यायालय ने आरोपी पर 10 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है. जुर्माने की राशि नहीं देने पर तीन माह अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. वहीं न्यायालय ने अन्य दफा 363 भादवि में भी पांच साल कारावास व 10 हजार जुर्माने की सजा सुनायी है. सभी सजा साथ-साथ चलेगी. न्यायालय में सरकार की ओर से विशेष लोक अभियोजक पॉक्सो मो. खुर्शीद आलम ने बहस करते हुए कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग कि थी. वहीं बचाव पक्ष से अधिवक्ता राजेन्द्र दास ने बहस करते हुए कम से कम सजा देने की मांग की थी.

क्या है मामला

विशेष लोक अभियोजक मो. खुर्शीद आलम के अनुसार पीड़िता 16 जनवरी 2022 को रात में खाना खाकर अपनी मां के साथ सोयी थी. जब सुबह चार बजे पीड़िता कि मां उठी तो अपनी पुत्री को नहीं देखा. खोजबीन करने के बाद पीड़िता की मां ने अपने पति से फोन पर जो मुबंई में रहता था को मामले की जानकारी दी. घटना कि सूचना मिलते ही पीड़िता के पिता हवाई जहाज से दरभंगा व तीन बजे गांव पहुंचे. जिसके बाद खोजबीन करने के बाद जानकारी मिली कि आरोपी शादी की नियत से अपहरण कर लिया है. मामले को लेकर पीड़िता के पिता के बयान पर लदनियां थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. वहीं पुलिस ने अनुसंधान के क्रम में 15 दिन के बाद मधुबनी से पीड़िता को बरामद किया था. इसके बाद जानकारी मिली थी कि आरोपी उसे अपहरण कर बंगलुरू ले गया था. फिर उसे वहां 10 दिन रखने के बाद मधुबनी में छोड़ दिया था.

चार लाख क्षतिपूर्ति देने का आदेश

विशेष लोक अभियोजक के अनुसार न्यायालय ने पीड़िता की मानसिक क्षतिपूर्ति के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकार को चार लाख रुपये देने का आदेश दिया है. वहीं आरोपी के जुर्माना देने के स्थिति में जुर्माने की राशि भी पीड़िता को देने का आदेश दिया है.

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