2 से 30 सितंबर तक चलेगा मिशन परिवार विकास अभियान

मिशन परिवार विकास अभियान के तहत 2 से 30 सितम्बर तक मिशन परिवार विकास अभियान चलेगा. इसके तहत 2 से 14 सितंबर तक दंपति संपर्क पखवाड़ा एवं 17 से 30 सितंबर तक परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा संपादित किया जाएगा.

By Prabhat Khabar News Desk | August 22, 2024 10:05 PM

मधुबनी : मिशन परिवार विकास अभियान के तहत 2 से 30 सितम्बर तक मिशन परिवार विकास अभियान चलेगा. इसके तहत 2 से 14 सितंबर तक दंपति संपर्क पखवाड़ा एवं 17 से 30 सितंबर तक परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा संपादित किया जाएगा. इसकी जानकारी सीएस डॉक्टर नरेश कुमार भीमसारिया ने दी है. उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का उद्देश्य जनसंख्या स्थिरीकरण के प्रति जन समुदाय में जागरुकता उत्पन्न करना है.

आशा, सेविका एवं जीविका दीदी की भूमिका अहम

डीसीएम नवीन दास ने कहा कि समुदाय स्तर पर आमजन को उत्प्रेरित करने में आशा, आंगनबाड़ी सेविका, जीविका दीदी, विकास मित्र आदि की भूमिका महत्वपूर्ण होती है. घर – घर व सेंटर पर जाकर परिवार नियोजन के बारे में सास-बहू सम्मेलन आयोजित करने एवं गर्भ निरोधक दवाओं के उपयोग की जानकारी देने का निर्देश दिया गया. मिशन परिवार विकास अभियान को सफल बनाने के लिए सांसद, विधायक, पंचायती राज संस्था के प्रतिनिधि, शहरी स्थानीय निकाय, स्वास्थ्य कर्मी एवं सिविल सोसायटी के सदस्य से इस अवधि के दौरान सहयोग लिया जाएगा. जन जागरूकता के लिए ई-रिक्शा (सारथी) के माध्यम से रूट चार्ट के अनुसार प्रत्येक प्रखंड में प्रचार-प्रसार किया जाएगा. राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा उपलब्ध कराये गये फ्लेक्स बैनर के माध्यम से भी स्वास्थ्य संस्थान एवं समुदाय में प्रचार प्रसार किया जाएगा.

परिवार नियोजन कराने पर मिलेगा आर्थिक लाभ:

प्रत्येक माह की 21 वीं तारीख को सभी शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर परिवार नियोजन दिवस का आयोजन किया जाता है. इसके साथ ही कंडोम एव अन्य गर्भनिरोधक सामग्रियों का वितरण किया जाता है. सभी स्वास्थ्य संस्थानों पर महिला बंध्याकरण एवं पुरुष नसबंदी के लिए आमजनों को जागरुक किया जाता है. लाभार्थी को प्रत्येक अंतरा सूई पर 100 रुपए की राशि उनके खाता में हस्तांतरित की जाती है. डीसीएम ने कहा कि नसबंदी के लिए पुरुष लाभार्थी को 3000 रुपए एवं प्रेरक को प्रति लाभार्थी 300 रुपए प्रोत्साहन राशि दिए जाने का प्रावधान है. जबकि महिला बंध्याकरण के लिए लाभार्थी को 2000 रुपए एवं प्रेरक को प्रति लाभार्थी 300 रुपए दी जाती है.

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