Madhubani News. धीरे-धीरे घट रही निगम में कर्मियों की संख्या, काम निपटाने में हो रही परेशानी

नगर निगम में कर्मचारियों की संख्या धीरे-धीरे घट रही है. पहले से सृजित पद के अनुरूप कर्मचारी नहीं है. आलम यह है कि कर्मचारियों की संख्या घटकर 25 फीसदी से कम हो गई है. जबकि निगम का दायरा बढ़ गया है.

By Prabhat Khabar News Desk | October 8, 2024 10:09 PM

Madhubani News. मधुबनी. नगर निगम में कर्मचारियों की संख्या धीरे-धीरे घट रही है. पहले से सृजित पद के अनुरूप कर्मचारी नहीं है. आलम यह है कि कर्मचारियों की संख्या घटकर 25 फीसदी से कम हो गई है. जबकि निगम का दायरा बढ़ गया है. इसलिए यह चिंता का विषय माना जा रहा है. यही हाल रहा तो आने वाले दिनों में निगम का काम कैसे चलेगा. इस पर न तो नगर विकास विभाग की नजर जा रही है और न ही निगम के अधिकारी समस्या के निदान की पहल कर रहे हैं. नतीजतन कर्मियों पर वर्क लोड बढ़ता जा रहा है. 286 सृजित पद, 64 कर्मी कार्यरत नगर पालिका से निगम हुआ, वार्ड की संख्या भी बढ़ी. लेकिन कर्मचारियों की संख्या घटती गई. यह विडंबना है कि मधुबनी नगर पालिका से नगर निगम बन गया इसके वार्ड भी बढ़ गए फिर भी कर्मचारियों के मामले में पुरानी व्यवस्था कायम रही. मिली जानकारी के अनुसार जब नगर पालिका था इसके कुल 9 वार्ड थे. जिसके बाद नगर परिषद में 30 वार्ड बने, नगर निगम बनने के बाद 45 वार्ड बन चुके हैं. शहर की आबादी बढ़कर करीब 2 लाख के करीब पहुंच गई है. जानकारों ने बताया कि नगरपालिका के समय सृजित पद 286 थी. इसमें कार्यपालक पदाधिकारी से लेकर सफाई कर्मी और ड्राइवर शामिल थे. आलम यह है कि नगर निगम क्षेत्र की जनसंख्या चौगुनी हो गयी है. लेकिन निगम की संरचना जस की तस बनी हुई है. जबकि वार्ड के साथ संसाधन भी बढ़ाए गए. लेकिन कर्मियों का पद जस का तस रह गया. वर्तमान में नगर निगम में पहले के 286 पद सृजित है. इसमें निगम कार्यालय में कार्यरत कर्मचारियों की संख्या 64 रह गई है. आधा दर्जन से अधिक कर्मी अनुकंपा पर बहाल हैं. बीमार पड़ रहे हैं कर्मी कर्मियों के कारण कार्यरत कर्मियों पर काम का बोझ बढ़ता जा रहा है. वर्कलोड अधिक होने के कारण कर्मी बीमार पड़ रहे हैं. वहीं कार्य भी समय पर पूरा नहीं होता है. काम बाधित रहती है. सरकार द्वारा लगातार निर्देश देने पर समय से काम पूरा करना कर्मियों के लिए समस्या खड़ी कर रही है. क्या कहते हैं अधिकारी नगर आयुक्त अनिल चौधरी ने कहा है कि कर्मियों के कारण कार्यरत कर्मियों से ही काम लेना पड़ता है. सरकार को इससे अवगत कराया गया है. कुछ आउटसोर्सिंग कर्मी काम कर रहे हैं.

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