समय पर शादी कार्ड छपाने की लगी है होड़

इस समय एक्रिलिक कार्ड और बुक स्टाइल कार्ड लोगों की पहली पसंद बनी हुई है.

By Prabhat Khabar News Desk | April 19, 2024 9:22 PM

मधुबनी . शादी का सीजन शुरू हो गया है. इसको लेकर लड़का व लड़की पक्ष की तैयारी अंतिम चरण में पहुंच गयी है. मैरेज से पहले सुंदर व डिजाइनर कार्ड को लेकर घरों में मंथन चल रहा है. लोग कार्ड को लेकर इतने संजीदा हैं कि उसे अपने तरीके से तैयार करने में लगे हुए हैं. इस समय एक्रिलिक कार्ड और बुक स्टाइल कार्ड लोगों की पहली पसंद बनी हुई है. महंगे कार्ड होने के बाद भी लोग एक्रिलिक कार्ड और बुक स्टाइल कार्ड ही बनाना चाहते हैं और दुकानों पर आर्डर भी दे रहे हैं. हालांकि बाजार में पीसीए, सूर्या, वीपी तथा वैष्णवी कार्ड की डिमांड बाजार में अधिक है. 3 से लेकर 60 रुपए तक का कार्ड बाजार में अधिक बिक रहे हैं. साहू प्रिंटिंग प्रेस के प्रोपराइटर सविता कुमारी ने बताया कि इस लग्न में कार्ड का मार्केट काफी अच्छा है. प्रिंटिंग प्रेस वालों की अच्छी कमाई होने का अनुमान है. शादी के कार्ड को लेकर मार्केट में चहल-पहल भी बढ़ गई है. मौके पर वेडिंग कार्ड शॉप पर खूब भीड़ भी लग रही है. समय के साथ लोगों की पसंद भी बदल गई है. अब लोग शादी के लिए कोई सिंपल वेडिंग कार्ड से काम नहीं चला रहे बल्कि शादी के लिए तरह-तरह की थीम पर कार्ड को अपनी पसंद के मुताबिक डिजाइन करा रहे हैं. वेडिंग कार्ड शॉप ऑनर का कहना है कि इस बार लोग अपने मन मुताबिक कार्ड को कस्टमाइज करा रहे हैं. वहीं ज्यादातर लोग बड़े आकार के कार्ड बनाना चाहते हैं. इस समय लोग सबसे ज्यादा एक्रिलिक कार्ड को बनाना चाहते हैं. यह देखने में बहुत प्रीमियम लगते हैं. देखने में यह जितने अच्छे होते हैं उनकी कीमत उतने ही अधिक होते हैं. मंहगा होने के बाद भी इन कार्ड को खरीदने का रीजन इनकी डिजाइन है. यह पारदर्शी होते हैं और एक्रिलिक से बने होते हैं. इसके अलावे जिले के बाजारों में दिल्ली से मंगाए गए कम दामों के कार्ड की भी डिमांड अधिक है. पहले कार्ड के लिए अलग दुकान होती थी. अब प्रिंटिंग प्रेस वालों के यहां ही कार्ड उपलब्ध हो जाता है. यहां कार्ड लेने वालों की यह सहूलियत मिलती है कि अपनी कार्ड पसंद कर छपाई का ऑर्डर भी दे दें. इससे समय पर कार्ड मिलने की उम्मीद बनी रहती है. इस बार 15 दिनों के लग्न में एक प्रिंटिंग प्रेस के यहां करीब 5 लाख रुपए कारोबार होने का अनुमान है. संचालक की मानें तो बहुत दिनों के बाद कार्ड की इतनी डिमांड हुई है.

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