जिले में खुला तीसरा जिंदा मछली बिक्री केंद्र
शुद्ध और संक्रमण रहित मछलियों का स्वाद लेने के लिए शौकिनों को भटकना नहीं पड़ेगा.
हर समय लोगों को मिलेगा जिंदा एवं ताजा मछली छोटे छोटे कारोबारी को भी होगी अच्छी कमाई एक बार में डेढ़ सौ किलो से अधिक रखी जाएगी मछलियां मधुबनी . शुद्ध और संक्रमण रहित मछलियों का स्वाद लेने के लिए शौकिनों को भटकना नहीं पड़ेगा. मछली बिक्री केंद्र (फिश कियोस्क) हरलाखी के झिटकी (खिरहर) में कविता कुमारी द्वारा खोला गया है. बेहतर सुविधाओं से लैस फिश कियोस्क में हर वेरायटी की जिंदा मछलियां खरीदारों को मिलेंगी. बड़ी राहत की बात यह भी कि बिक्री केंद्र से जुड़कर छोटे-छोटे कारोबारी भी कमाई कर सकेंगे. प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना से हरलाखी में 20 लाख की लागत से फिश कियोस्क बनाया गया. इससे पूर्व पंडौल प्रखंड के शाहपुर में संजय सहनी द्वारा एवं अड़ेर में एक-एक जिंदा मछली बिक्री केंद्र संचालित है. विदित हो कि मछली पालन और इससे जुड़े रोजगार को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा कई योजनाएं चलायी जा रही है. जिंदा मछली केंद्र खोलने वाले लाभुक को 40 से 60 फीसद तक अनुदान सरकार दे रही है. जिंदा मछली बिक्री केंद्र खुल जाने से अब मछलियों के मरने की चिंता संचालक को नहीं रहेगी. इतना ही नहीं छोटे कारोबारी यहां से मछलियां खरीदकर घूम-घूमकर गांव-टोलों में बेचेंगे. इससे उनकी अच्छी कमाई भी होगी. हर समय उपलब्ध रहेंगी मछलियां बेहतर सुविधाओं से लैस फिश कियोस्क में मछलियों को कई दिनों तक जिंदा रखने के लिए छह फीट लम्बा, पांच फीट चौड़ा एवं ढाई फीट गहरा अलग-अलग हॉज बनाये गये हैं. इसमें एक बार में डेढ़ सौ किलो से अधिक मछलियां रह सकेंगी. मछली केंद्र के संचालक कविता कुमारी बताती हैं कि शुरुआत में रेहु, कतला, नैनी व अन्य मछलियां रखी गयी हैं. जरूरत पड़ने और खरीदारों की मांग पर अन्य वेरायटी की मछलियां भी यहां रखी जाएंगी. मछली पालकों को होगा फायदा हरलाखी में फिश कियोस्क खुल जाने से इस इलाके के मछली पालकों को भी फायदा होगा. उन्हें अब तालाबों में पल रहीं मछलियों को बेचने के लिए पड़ोस के मछली मंडली नहीं जाना पड़ेगा. जिंदा मछली बिक्री केंद्र के संचालक से संपर्क कर मछली पालक यहां जिंदा मछलियों को बेच सकेंगे. हालांकि मछलियों की कीमत का निर्धारण संचालक और मछली पालक आपस में तालमेल कर खुद तय करेंगे. जिंदा मछली केंद्र के यह हैं फायदा मछुआरों और मछली पालन से जुड़े किसानों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे. मछली पालन से जुड़े किसानों की आय में वृद्धि हो सकेगी. मछली जंतू प्रोटीन का एक सस्ता और समृद्ध स्रोत है. जो भूख और पोषक तत्वों की कमी को पूरा करने में मदद करता है. मछली पालन क्षेत्र के सामाजिक व आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण स्थान रखता है. जिंदा मछली बिक्री केंद्र खोलने की यह है शर्ते आवेदक को मछली पालन से जुड़े क्षेत्र में अनुभव होना चाहिए. साथ ही मछुआरा समुदाय से होना चाहिए. इस योजना के तहत, अनुसूचित जाति की महिलाओं को मछली पालन के लिए 60 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाती है. जबकि सामान्य वर्ग की महिलाओं को 40 प्रतिशत की सब्सिडी मिलती है. सुविधा से लैस बनाया गया है टैंक गाइड लाइन के अनुसार जिंदा मछली बिक्री केंद्र को सुविधाओं से लैस बनाया गया है. जल संचयन के लिए दो टैंक का निर्माण कराया गया है. इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिक बैलेंस, बोरबेल और अपशिष्ट निष्पादन की व्यवस्था की गई है. यूनिट के शुरू होने से आसपास के क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा हो रहे हैं. लोग मछली पालन तो करते हैं लेकिन सही बाजार नहीं मिल रहा था. इस कारण लोग पीछे हट जाते थे. लेकिन अब यह समस्या नही रही. बाजार में मछली बच जाएगा तो मछली बिक्री में रख दिया जाएगा. क्या कहते हैं अधिकारी जिला मत्स्य पदाधिकारी अंजनी कुमार ने कहा कि जिले में नीली क्रांति की बयार बह रही है. जिले में तीसरा जिंदा मछली बिक्री केंद्र खुल गया है. इससे जहां रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. हरलाखी में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना अंतर्गत निर्मित जिंदा मछली बिक्री केंद्र खोला गया है.
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