केके पुट्टी, मधुबनी :आर्थिक तंगी से कला कराह रही है. एक कलाकार पैसे के अभाव में लीवर कैंसर से बीते आठ माह से जूझ रहा है. सरकार ने इन्हें इनकी बेहतरीन कला के लिये पुरस्कृत तो किया, पर इसके बाद आज तक सुधि नहीं ली. जब तबीयत ठीक थी, किसी से मदद की इन्हें दरकार भी नहीं थी. पर अब जिंदगी उस दहलीज पर खड़ा कर दिया है कि मदद के लिये मजबूर कर दिया है. मिथिला चित्रकला गोदना पेंटिंग के राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त कलाकार उत्तिम प्रसाद पासवान पिछले 8 माह से लीवर कैंसर के बीमारी से परेशान हैं. इलाज कराने को लेकर पटना के एक कैंसर हॉस्पिटल में उनके परिजन गये भी, तो खर्च इतना ज्यादा बताया गया कि परिजन प्राथमिक उपचार कराकर घर आ गए. इलाज के लिए पैसे की जुगाड़ कर रहे हैंं
बचपन से ही कला की कर रहे साधना : उत्तिम प्रसाद बताते हैं कि पेंटिंग की साधना वे बचपन से ही करते रहे हैं. 11 वर्ष की आयु थी तभी से गोदना पेंटिंग का काम करते हैं. इस कला के माध्यम से रूस, फ्रांस, जर्मनी सहित भारत के कई राज्यों में जा कर अपने कला का प्रदर्शन कर जिला सहित अपने देश के नाम को आगे बढ़ाया. लेकिन अभी कैंसर जैसे घातक बीमारी के वजह से जिंदगी और मौत से जूझ रहा हूं, देखने वाला कोई नहीं है.
कलाकारों ने की सहायता करने की मांग : उत्तिम पासवान की पत्नी राज्य पुरस्कार प्राप्त धर्मशील देवी ने भी अपने पति की जान की रक्षा को लेकर प्रधानमंत्री को पत्र लिखी है. धर्मशीला देवी ने बताती है कि तीन बेटी में से अभी एक बेटी की शादी हुई है. दो बेटियों की शादी करना बांकी है. बेटा दिव्यांग है. जीवन यापन के लिये सिर्फ पति के द्वारा पेंटिंग से कमाए गए राशि का ही सहारा था. पत्नी ने प्रधानमंत्री से पति के इलाज कराने की गुहार लगाई है. इधर गांव के दर्जनों कलाकारों ने भी सरकार से इलाज कराने की गुहार लगाई है. कलाकार विमलेश कुमार झा सहित कई कलाकारों ने बताया कि गोदना पेंटिंग में उत्तिम प्रसाद पासवान से बेहतर कलाकार नहीं हैं. ऐसे कलाकार की रक्षा अगर नहीं की जायेगी तो हमलोग समझेंगे की सरकार सिर्फ कहती है कुछ करती नहीं.
विधायक से लेकर पीएम तक लगायी मदद की गुहार : श्री पासवान अपनी बीमारी, अपनी लाचारी से विधायक से लेकर पीएम तक को पत्र के माध्यम से अवगत करा दिया है. पर अब तक कहीं से भी सार्थक बातें या आश्वासन तक नहीं मिला है. श्री पासवान बताते हैं कि इलाज कराने को लेकर वे भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, टेक्सटाइल मंत्री, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, स्थानीय सांसद अशोक कुमार यादव, डीसी हैंडीक्राफ्ट व विधायक डॉ फैयाज अहमद को पत्र लिखकर सहायता की मांग की. लेकिन कही से भी कोई संतोषजनक सहानभूति नहीं मिला.
कई पुरस्कार किया है अपने नाम : गोदना पेंटिंग में बेहतर कलाकारी को लेकर उत्तिम प्रसाद पासवान को एससी-एसटी कोटा से वर्ष 1986 में बिहार राज्य पुरस्कार से तत्कालीन मुख्यमंत्री ने सम्मानित किया था. उसके बाद 2013 में सीता देवी पुरस्कार दिया गया. उसके बाद वर्ष 2014 में भारत सरकार के द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
posted by ashish jha