मधुबनी . बाबूबरही थाना क्षेत्र में करीब 13 वर्ष पूर्व फिरौती के लिए सात वर्ष के नाबालिग का अपहरण कर हत्या करने के मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश चतुर्थ मो मंजूर आलम के न्यायालय में सजा के बिंदु पर मंगलवार को सुनवाई हुई. न्यायालय ने दोनों पक्षों के दलील सुनने के बाद आरोपी बाबूबरही थाना क्षेत्र के फुलवरिया निवासी हरि कामत, मनीष कामत एवं सुरेश कामत को दफा 302 भादवि में आजीवन सश्रम कारावास की सजा सुनायी है. साथ ही न्यायालय ने प्रत्येक को दस-दस हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है. जुर्माने कि राशि नहीं देने पर छह-छह माह अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. सरकार की ओर से न्यायालय में अपर लोक अभियोजक फैज अहमद ने बहस करते हुए कड़ी से कड़ी सजा की मांग की थी. वहीं बचाव पक्ष से अधिवक्ता शिवनाथ चौधरी एवं विमला कुमारी ने बहस करते हुए न्यायालय से कम से कम सजा की मांग की थी.
क्या है मामला
अभियोजन के अनुसार 31 मार्च 2011 को सूचक उपेन्द्र सिंह के सात वर्षीय पुत्र आनंद कुमार गांव के कीर्तन भवन मंदिर के पास खेल रहा था. इसी दौरान आरोपी ने नाबालिग का अपहरण कर लिया था. इसके बाद आरोपियों ने सूचक से फिरौती में दो लाख रुपये की मांग करने लगा था. फिरौती नहीं देने पर चार दिन बाद बच्चे का शव गांव के पोखर में उपलाता मिला था. मामले को लेकर मृतक नाबालिग के पिता सूचक उपेंद्र सिंह आरोपी पर फिरौती के लिए नाबालिग का अपहरण करने व फिरौती राशि नहीं मिलने पर नाबालिग की हत्या कर तालाब में फेंकने का आरोप लगाते हुए बाबूबरही थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी थी.