संस्कार भारती ग्लोबल स्कूल में शिक्षकों के क्षमता संवर्द्धन को लेकर प्रशिक्षण कार्यक्रम

संस्कार भारती ग्लोबल स्कूल में सीबीएसई उत्कृष्टता केंद्र, पटना के तत्वावधान में शिक्षकों के क्षमता संवर्द्धन व अद्यतनीकरण के लिये दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन विद्यालय के सभागार ज्ञानगंगा में किया गया.

By Prabhat Khabar News Desk | August 11, 2024 10:10 PM

मधुबनी. संस्कार भारती ग्लोबल स्कूल में सीबीएसई उत्कृष्टता केंद्र, पटना के तत्वावधान में शिक्षकों के क्षमता संवर्द्धन व अद्यतनीकरण के लिये दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन विद्यालय के सभागार ज्ञानगंगा में किया गया. कार्यशाला का उद्घाटन सीबीएसई द्वारा मनोनीत रिसोर्स पर्सन्स स्निग्धा स्नेहा, फरहीन हयातविद्यालय के निदेशक डॉ. विजय रंजन, प्रबंध निदेशिका डॉ. विजया सिंह, प्राचार्य एस एन ठाकुर, वेन्यू डायरेक्टर धर्मेन्द्र कुमार व विद्यालय के एसटीएनसी के डी राय ने संयुक्त रुप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया. कार्यशाला का शुभारंभ प्रथम रिसोर्स पर्सन स्निग्धा स्नेहा ने विषय प्रवेश से करते हुए किया. परिचय सत्र के पश्चात क्लासरूम मैनेजमेंट की आवश्यकता, उद्देश्य व उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए अपने अनुभव साझा किया. साथ ही कार्यशाला में उपस्थित सभी शिक्षकों ने अपने अपने व्यक्तिगत अनुभव साझा किये एवं रिसोर्स पर्सन्स के अनुभवों से क्लास रुम मैनेजमेंट के विभिन्न तकनीकों से अवगत हुए. इसी क्रम में रिसोर्स पर्सन्स के मार्गदर्शन में शिक्षक-शिक्षिकाओं ने विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से कार्यशाला को शानदार व यादगार बना दिया. समस्त शिक्षकगण कार्यशाला में आयोजित गतिविधियों को मनोयोग से संपन्न किये एवं इसे अपने क्लासरुम में छात्रों पर प्रयोग करने के लिए प्रतिबद्धता दिखाई. कार्यक्रम के समापन सत्र के दौरान रिसोर्स पर्सन स्निग्धा स्नेहा ने ओपन हाउस आयोजित किया. जिसमें कुछ प्रतिभागी शिक्षक-शिक्षिकाओं ने कार्यशाला के फलाफल पर अपने अपने अनुभव साझा किये. उक्त अवसर पर विद्यालय के निदेशक डॉ.विजय रंजन, प्राचार्य एस एन ठाकुर व उप-प्राचार्य के डी राय ने रिसोर्स पर्सन्स को पुष्पगुच्छ व स्मृतिचिह्न भेंट किये तथा उनका आभार व्यक्त किया. विद्यालय के निदेशक डॉ.विजय रंजन ने सीबीएसई के इस पहल की मुक्त कंठ से प्रशंसा करते हुए कहा कि सूचना क्रांति के इस सिलिकॉन युग में जहां बच्चों के पास सूचना के विभिन्न श्रोत उपलब्ध हैं, शिक्षकों को अपने संबंधित विषय की विशेषज्ञता के साथ ही विभिन्न तकनीकों व कौशलों से लैस होना आवश्यक ही नहीं बल्कि अनिवार्य है. शिक्षकों के लिए इस तरह के विशेष प्रशिक्षण/कार्यशाला अति-आवश्यक है. जिससे वे अपने आपको सूचना-क्रांति के युग में अद्यतन कर बाल-केन्द्रित व विभिन्न तकनीकों व कौशलों का उपयोग करते हुए छात्र-छात्राओं के जिज्ञासा को संतुष्ट करने में सक्षम होंगे और उन्हें सफल भावी पीढ़ी के रूप में आकार देने में सक्षम होंगे.

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