सदर अस्पताल में 3.8 लाख से अधिक मरीजों का हुआ इलाज
सदर अस्पताल सहित जिले के स्वास्थ्य संस्थानों में गुणवत्तापूर्ण चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराया जा रहा है. जिसके कारण लोगों का रुझान सरकारी अस्पतालों के प्रति बढ़ रहा है.
मधुबनी. सदर अस्पताल सहित जिले के स्वास्थ्य संस्थानों में गुणवत्तापूर्ण चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराया जा रहा है. जिसके कारण लोगों का रुझान सरकारी अस्पतालों के प्रति बढ़ रहा है. वर्ष 2022 में सदर अस्पताल को गुणवत्तापूर्ण सुरक्षित प्रसव के लिए लक्ष्य प्रमाणीकरण किया गया था. जिसके कारण सुरक्षित प्रसव को लेकर लोगों का रुझान सदर अस्पताल के प्रति से बढ़ा है. सदर अस्पताल में वित्तीय वर्ष 2023-24 में 3 लाख 8 हजार से अधिक मरीजों का रजिस्ट्रेशन व जांच कर गुणवत्तापूर्ण चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराया गया. वहीं 800 से अधिक गर्भवती महिलाओं का सिजेरियन एवं 5 हजार से अधिक गर्भवती महिलाओं का सुरक्षित प्रसव कराया गया. सदर अस्पताल में सिजेरियन से अधिक नार्मल डिलेवरी कराया जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार अप्रैल 2023 से मार्च 2024 तक 5955 महिलाओं का नार्मल डिलीवरी किया गया है. वहीं सिजेरियन से 813 महिलाओं का सुरक्षित प्रसव कराया गया है. सदर अस्पताल मे महिलाओं को प्रसव के लिए मातृ शिशु स्वास्थ्य इकाई बनाई गई है. प्रसव कक्ष को आधुनिक उपकरण से सुसज्जित किया गया है. महिला चिकित्सक और ए ग्रेड स्टाफ नर्सों द्वारा प्रसव कराया जाता है. सिविल सर्जन डॉ. नरेश कुमार भीमसारिया ने कहा कि अस्पताल में गर्भवती महिलाओं के प्रसव के लिए गुणवत्तापूर्ण सेवा सहित मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है. सदर अस्पताल में नार्मल प्रसव में परेशानी होने पर 24 घंटे सिजेरियन प्रसव की व्यवस्था की गई है. लेबर रूम में आधुनिक उपकरण उपलब्ध है. वहीं ओटी को भी आधुनिक उपकरण से सुसज्जित किया गया है. प्रसव के लिए आने वाली गर्भवती महिलाओं के लिए प्रसव कक्ष से सम्बद्ध ओटी का निर्माण किया गया है. वहीं प्रसव के बाद नवजात शिशुओं की देख भाल के लिए एसएनसीयू की स्थापना की गई है. इसमें कमजोर तथा समय से पूर्व जन्म लेने वाले नवजात शिशु का इलाज किया जाता है. उन्होंने बताया कि 100 गर्भवती महिलाओं में 10 गर्भवती महिलाओं को सिजेरियन कराने की जरूरत होती है.
3.8 लाख मरीजों को दी गई सेवा
सदर अस्पताल द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार वित्तीय वर्ष 2023 – 24 में 3 लाख 8 हजार 98 मरीजों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराया गया. इसमें ओपीडी में 1 लाख 62 हजार 524, इमरजेंसी में 47 हजार 391,इंडोर 46805, सिजेरियन 813, फैमिली प्लानिंग 286, नार्मल डिलीवरी 5955, डाग बाइट 8375, एक्स रे 37 हजार 753, अल्ट्रासाउंड 4411, सीटी स्कैन 5832,आइयूसीडी 70, पीपीआइयूसीडी एवं पीपीएस 820 एवं डायलिसिस के 4484 मरीज शामिल रहे.सदर अस्पताल के प्रसव वार्ड में अप्रैल 2023 से मार्च 2024 तक 5971 बच्चों का जन्म हुआ. जिसमें अप्रैल में 414, माई में 429, जून में 369, जुलाई में 479, अगस्त में 600, सितंबर में 536, अक्टूबर में 517, नवंबर में 510, दिसंबर में 543, जनवरी में 549, फरवरी में 523 एवं मार्च में 516 बच्चों का जन्म हुआ. वहीं सिजेरियन डिलीवरी अप्रैल में 66, मई 60, जून में 64, जुलाई में 69, अगस्त में 79, सितंबर में 63, अक्टूबर में 72, नवंबर में 52, दिसंबर में 65, जनवरी में 63 फरवरी में 85 मार्च में 75 डिलीवरी प्रसव हुआ.
3.8 लाख से अधिक मरीजों ने का हुआ उपचार :
स्वास्थ विभाग के आंकड़ों के अनुसार वित्तीय वर्ष 2022- 23 में 1 लाख 38 हजार 583 मरीजों का इलाज ओपीडी में, इमरजेंसी में 21 हजार 356, इंडोर में 22 हजार 148, रेफर मरीजों की संख्या 1 हजार 454, सिजेरियन प्रसव 1178, नॉर्मल डिलीवरी 6 हजार 170, डॉग बाइट 9 हजार 281, स्नेक बाइट 1 हजार 802, एक्स-रे 42 हजार 396, अल्ट्रासाउंड 2 हजार 458 तथा 4 हजार 359 मरीजों का सीटी स्कैन किया गया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है