हरिजन अत्याचार अधिनियम में एक को ढाई वर्ष कारावास की सजा

प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायालय सह विशेष न्यायालय एससीएसटी के न्यायाधीश सैयद मो. फजलुल बारी की न्यायालय में शुक्रवार को बाबूबरही थाना क्षेत्र में एक दलित महिला के साथ हुई मारपीट मामले की सजा के बिंदु पर सुनवाई हुई.

By Prabhat Khabar News Desk | May 3, 2024 10:28 PM

मधुबनी. प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायालय सह विशेष न्यायालय एससीएसटी के न्यायाधीश सैयद मो. फजलुल बारी की न्यायालय में शुक्रवार को बाबूबरही थाना क्षेत्र में एक दलित महिला के साथ हुई मारपीट मामले की सजा के बिंदु पर सुनवाई हुई. न्यायालय ने दोनों पक्ष की बहस सुनने के बाद आरोपी बाबूबरही थाना क्षेत्र के छजना निवासी वैद्यनाथ यादव को हरिजन अत्याचार अधिनियम की धारा 3 (1) आर एवं 3 (1) एस दफा में दो वर्ष छह माह व दो वर्ष छह माह की कारावास की सजा सुनायी है. साथ ही दोनों दफा में 2500- 2500 रुपये जुर्माना भी लगाया है. जुर्माने की राशि नहीं देने पर छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. वहीं अन्य दफा 354 भादवि में दो वर्ष, 323 एवं 504 भादवि में एक-एक साल एवं 341 भादवि में एक माह कारावास की सजा सुनायी है. सभी सजाएं साथ साथ चलेगी. सरकार की ओर से विशेष लोक अभियोजक एससी-एसटी सपन कुमार सिंह एवं सूचिका की ओर से अधिवक्ता अमलेश कापड़ ने बहस करते हुए अधिक से अधिक सजा देने की मांग की थी. वहीं बचाव पक्ष से अधिवक्ता बिन्देश्वर यादव ने बहस करते हुए कम से कम सजा देने की मांग की थी.

क्या है मामला

विशेष लोक अभियोजक एससी-एसटी के अनुसार घटना 23 अगस्त 2020 की है. सूचिका बाबूबरही थाना क्षेत्र के सोनपताही निवासी शिवकुमारी देवी छजना स्थित अपनी जमीन पर मिट्टी भरा कर लौट रही थी. इसी दौरान सभी आरोपी सूचिका को जाति सूचक गाली देते हुए मारपीट कर अभद्र व्यवहार करने लगा. मामले को लेकर सूचिका ने बाबूबरही थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. घटना का कारण भूमि विवाद बताया जा रहा है. आरोपी पहले से ही सूचिका के पति से ढाई धूर जमीन खरीदा था. जिस पर आरोपी सब का घर है. लेकिन पूर्व से बने पंचनामा के आधार पर जमीन को लेकर आरोपी सूचिका पर दबाव बना रहा था.

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