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हरलाखी से दो बाल मजदूर को कराया गया मुक्त

30 जून तक बाल श्रम के विरुद्ध जन जागरूकता एवं समाज के प्रत्येक वर्ग को बाल श्रम के विरुद्ध सजगता के लिए प्रचार प्रसार करने का निर्देश दिया है.

मधुबनी. राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग नई दिल्ली एवं जिला पदाधिकारी द्वारा 30 जून तक बाल श्रम के विरुद्ध जन जागरूकता एवं समाज के प्रत्येक वर्ग को बाल श्रम के विरुद्ध सजगता के लिए प्रचार प्रसार करने का निर्देश दिया है. इस दौरान धावा दल गठित कर बाल श्रमिकों की विमुक्ति के लिए विभिन्न दुकानों एवं प्रतिष्ठानों में सघन निरीक्षण किया गया. इसी क्रम में बुधवार को श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी एवं संतोष कुमार पोद्दार के नेतृत्व में हरलाखी प्रखंड में बाल श्रमिकों की विमुक्ति के लिए विभिन्न दुकानों एवं प्रतिष्ठानों में सघन जांच अभियान चलाया गया. निरीक्षण के क्रम में चंदन साइकिल स्टोर्स एवं इलेक्ट्रॉनिक्स से एक एवं ब्रिज लाल साह की दुकान से एक यानी कुल 2 बाल श्रमिक को विमुक्त कराया गया. विमुक्त बाल श्रमिक को बाल गृह में रखा गया है. नियोजक के विरुद्ध संबंधित थाने में प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही है. श्रम अधीक्षक राकेश रंजन ने कहा कि बाल श्रमिकों से किसी भी दुकान या प्रतिष्ठान में कार्य कराना गैरकानूनी है. बाल श्रमिकों से कार्य कराने वाले व्यक्तियों को 20 से 50 जहार रुपये तक का जुर्माना और 2 वर्षों के कारावास का प्रावधान है. नियोजकों से 20 हजार रुपये प्रति बाल श्रमिक की दर से अलग से राशि की वसूली की जाएगी. धावा दल टीम में श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी सिद्धार्थ कुमार, संतोष कुमार पोद्दार, चंदन कुमार गुप्ता, हरी प्रसाद एवं हरलाखी थाना के एएसआई हीरालाल राम एवं पुलिस कर्मी शामिल थे. सभी दुकान एवं प्रतिष्ठान में नियोजकों से बाल श्रमिक नियोजित नहीं करने हेतु एक शपथ पत्र भरवाया गया. श्रम अधीक्षक ने बताया कि बाल श्रमिकों को नियोजित करने पर कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

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